स्पोट्र्स यूटिलिटी वाहन के क्षेत्र में कामयाब पेशकश, लंबित ऑर्डर बुक, आगे पेशकश की मजबूत योजना और उचित मूल्यांकन बताता है कि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के शेयर में और बढ़त की गुंजाइश है। ब्रोकरेज की तरफ से अपग्रेड किए जाने के बाद पिछले चार कारोबारी सत्र में देश की सबसे बड़ी ट्रैक्टर विनिर्माता और अग्रणी यूटिलिटी वाहन कंपनियों में से एक के शेयर में पांच फीसदी की उछाल दर्ज हुई है।
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च के पसंदीदा भारतीय शेयरों में यह कंपनी शामिल है। एचएसबीसी सिक्योरिटीज ऐंड कैपिटल मार्केट्स रिसर्च के शोध प्रमुख योगेश अग्रवाल ने कहा है कि कंपनी ने अपने वाहन कारोबार में दो कामयाब पेशकश (एक्सयूवी 700 व थार) की है। साथ ही नई स्कॉर्पियो भी कामयाब हो सकती है। 1.60 लाख वाहनों का ऑर्डर बुक काफी मजबूत है और सेमीकंडक्टर की किल्लत का असर वित्त वर्ष 22 की दिसंबर तिमाही से कम होने की संभावना है।
कॉम्पेक्ट यूटिलिटी वाहनों व क्रॉसओवर की मजबूत मांग के बावजूद पिछले कई साल से कंपनी बाजार हिस्सेदारी गंवा रही थी। कंपनी की कुछ पेशकश मसलन मराजो और अल्ट्रोज जी 4 की उतनी बिक्री नहीं हुई जितनी कि कंपनी उम्मीद कर रही थी। एडलवाइस रिसर्च के चिराग शाह को उम्मीद है कि कंपनी का कारोबार पटरी पर लौटेगा क्योंकि कंपनी उत्पादों की खाई पाटने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और अपने पोर्टफोलियो में पेट्रोल संस्करण वाले वाहन उतार रही है।
बढ़त और बाजार हिस्सेदारी पाने के लिए कंपनी अगले छह साल में 13 एसयूवी पेश करने की योजना बना रही है। इनमें से आठ वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। कंपनी अगले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन विकसित करने पर 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी, जिसमें यूवी व छोटे वाणिज्यिक वाहन शामिल हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों व सेवाओं के लिए रिलायंस बीपी मोबिलिटी से कंपनी का हालिया गठजोड़ उसके लिए मददगार होगा। इसमें महिंद्रा के इलेक्ट्रिक तिपहिया व चार पहिया, क्वाड्रिसाइकल्स व ई-एससीवी आदि के लिए चार्जिंग समाधान शामिल है।
एडलवाइस रिसर्च का मानना है कि कंपनी दो समाधान की राह पर है – यूवी व समूह कंपनियों में निवेश। यूवी वॉल्यूम में बढ़ोतरी व ऑपरेटिंग लिवरेज से मार्जिन में सुधार की संभावना है, जो एकीकृत मार्जिन पर असर डाल रहा है। समूह कंपनियों के लिए कंपनी का ध्यान इक्विटी रिटर्न, नकदी प्रवाह और बढ़त पर है, जो उसके निवेश फैसले को आगे ले जाएगा।
सबसे ज्यादा लाभकारी क्षेत्र ट्रैक्टर मेंं हालांकि वॉल्यूम को लेकर चिंता है। नवंबर में देसी बिक्री 17 फीसदी कम रही, जो उच्च आधार और सरकारी सब्सिडी कम होने के कारण है। आईआईएफएल रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा कि कमजोर मांग के कारण और त्योहारी सीजन के बाद इन्वेंट्री में कमी से नवंबर में कुल डिस्पैच 21 फीसदी कम रहा। उनका मानना है कि ट्रैक्टर के क्षेत्र में आगामी महीनों के दौरान सालाना आधार पर गिरावट जारी रहेगी। मध्यम से लंबी अवधि की प्रवृत्ति हालांकि मजबूत है, लेकिन बाजार की नजर नई पेशकश और इस क्षेत्र की अग्रणी को अपनी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने पर होगी।
हालांकि जेपी मॉर्गन के विश्लेषक इस शेयर पर ओवरवेट हैं। उनका मानना है कि वाहन क्षेत्र में सुधार को एसयूवी के मॉडलों में मजबूती से ट्रैक्टर के क्षेत्र में आई कमजोरी की भरपाई हो जाएगी।
इस शेयर के लिए एक अन्य कारगर चीज है उसका उचित मूल्यांकन, जो वित्त वर्ष 23 की उसकी मुख्य आय का 11 गुना है। हालिया सुधार से पहले यह शेयर नवंबर के उच्च स्तर से 15 फीसदी टूटा है। इस शेयर की लक्षित कीमत 1,100 रुपये को देखते हुए एमऐंडएम मौजूदा स्तर से 28 फीसदी की बढ़ोतरी की पेशकश करता है। लंबी अवधि के लिहाज से निवेशक इसमें खरीद कर सकते हैं, हालांकि ट्रैक्टर के वॉल्यूम में और कमी अहम जोखिम हो सकता है।
