एचडीएफसी बैंक सहित प्रमुख क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता तीसरे पक्ष के ऐप्लीकेशन से पुनर्भुगतान स्वीकार करने के लिए भारत बिल पेमेंट सिस्टम्स (बीबीपीएस) से अपने सिस्टम को जोड़ चुके हैं। एचडीएफसी ने सबसे ज्यादा क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में एचडीएफसी बैंक इस प्लेटफॉर्म पर लाइव हो गया था। बीबीपीएस की वेबसाइट के अनुसार देश के चौथे सबसे बड़े क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता ऐक्सिस बैंक के अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक और येस बैंक भी अपने सिस्टम को इससे जोड़ने की प्रक्रिया में हैं। इन बैंकों के शीघ्र ही इस प्लेटफॉर्म पर लाइव हो जाने की उम्मीद है।
अभी 15 प्रमुख क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता इस प्लेटफॉर्म पर लाइव हैं। इनमें आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई कॉर्डस, कोटक महिंद्रा बैंक, बीओबी कार्ड और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। देश में 30 से अधिक क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता हैं। इस मामले के जानकार एक सूत्र ने बताया, ‘अभी बीबीपीएस प्लेटफॉर्म पर जो क्रेडिट कार्ड लाइव हुए हैं, उनके पास क्रेडिट कार्ड के 80-85 फीसदी ग्राहक हैं।
सार यह है कि ज्यादातर लेनदेन बीबीपीएस प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे हैं।’ शेष क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता इस सिस्टम पर कार्य कर रहे हैं और जब भी वे तैयार हो जाएंगे तो वे बीबीपीएस प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगे। हालांकि क्रेडिट कार्ड की छोटी कंपनियों के लिए जुड़ने की कोई निश्चित समयसीमा नहीं है। हालांकि सूत्रों के अनुसार अंतत: क्रेडिट कार्ड से जुड़े सभी जारीकर्ता जुड़ जाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आदेश दिया था कि सभी क्रडिट कार्ड का पुनर्भुगतान 1 जुलाई से बीबीपीएस प्लेटफॉर्म के जरिये प्राप्त किए जाएं। इस कदम का मकसद बिल भुगतान प्रणाली को एकीकृत करना और व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इससे पहले कुछ तीसरे पक्ष के ऐप्लीकेशन ने 1 जुलाई के बाद से सिर्फ बीबीपीएस से जुड़े बैंकों से क्रेडिट कार्ड के भुगतान की सुविधा के विकल्प को चुना था। इससे आरबीआई के आदेश के पालन को लेकर चिंता भी पैदा हुई थी। क्रेडिट कार्ड जारी करने वालों ने बीबीपीएस पर लाइव होने में देरी की है।
दरअसल क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं के देरी किए जाने से ग्राहकों में असंतोष ज्यादा नहीं बढ़ा था क्योंकि उनके पास बकाया राशि के भुगतान के कई तरीके उपलब्ध थे। फिलहाल तीसरे पक्ष के ऐप जैसे क्रेड, पेटीएम, फोन या एमेजॉन पे अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों का भुगतान मिलने के बाद राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष स्थानांतरण (एनईएफटी), रीयल टाइम ग्राॅस सेटलमेंट (आरटीजीएस) या अन्य भुगतान तरीकों से भुगतान करते हैं।
लिहाजा जारीकर्ता नियामक से मांग कर रहे थे कि उन्हें बीबीपीएस प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए। इस मामले में नियामक के छूट देने पर स्थिति अस्पष्ट है। हालांकि क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं ने नियामकीय दुष्परिणामों से बचने के लिए सिस्टम से जुड़ने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है।