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Jio Financial Services अब कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी बनी, RBI ने दी मंजूरी; बिजनेस में दिखेगा असर

Jio Financial ने एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया कि कंपनी को 11 जुलाई को RBI ने NBFC से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी में कन्वर्ट होने की मंजूरी दे दी है।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- July 12, 2024 | 1:42 PM IST

Jio Financial Services: From NBFC to Core Investment Company- एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की फाइनैंशियल सेक्टर की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) अब गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) से बदलकर कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) बन जाएगी। कंपनी को इसके लिए केंद्रीय बैंक RBI से मंजूरी मिल गई है।

जियो फाइनेंशियल ने एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया कि कंपनी को 11 जुलाई को RBI ने NBFC से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी में कन्वर्ट होने की मंजूरी दे दी है। जियो फाइनेंशियल ने 23 नवंबर 2023 को NBFC से खुद को CIC में कनवर्ट होने के लिए अप्लाई किया था। कंपनी ने यह कदम तब उठाया था जब कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होकर एक स्वतंत्र एंटिटी बनी थी और RBI ने निर्देश दिया था कि इसे NBFC से CIC में कनवर्ट किया जाए।

बता दें कि Jio Financial Services अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Limited) का सब्सिडियरी कंपनी थी, 20 जुलाई 2023 को RIL से डीमर्जर हो गया। डीमर्जर होने के बाद शेयरहोल्डिंग पैटर्न बदलते समय RBI ने जियो फाइनेंशियल को CIC में बदलने का निर्देश दिया था।

क्या होता है कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) का मतलब

कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) एक स्पेशलाइज्ड NBFC है जिसका एसेट साइज 100 करोड़ रुपये से ज्यादा होता है। RBI की परिभाषा के मुताबिक, एक कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) की एसेट की साइज 100 करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए और उसे अपनी नेट एसेट का कम से कम 90 फीसदी इक्विटी शेयर, तरहीजी शेयर (preference shares) बॉन्ड, डिबेंचर या ग्रुप कंपनियों में लोन जैसे निवेश में के तौर पर रखना होता है। यह स्ट्रक्चर सब्सिडियरी कंपनियों में जरूरी पूंजी के निवेश को मंजूरी देता है।

NBFC से CIC होने पर Jio Financial Services में क्या बदलेगा

NBFC से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) में बदलने के बाद जियो फाइनेंशियल के ऑपरेशनल फ्रेमवर्क में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। एक कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी के रूप में, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज मुख्य रूप से अपनी सब्सिडियरी कंपनियों में निवेश और मैनेजमेंट पर फोकस कर सकेगी। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज अब लगातार बदलती बाजार स्थितियों के साथ अपने निवेश पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन कर सकती है।

Jio Financial की शेयर प्राइस में बढ़त

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के अलग होने के बाद 21 अगस्त 2023 में जियो फाइनेंशियल के शेयर मार्केट में लिस्ट हुए थे। जियो फाइनेंशियल के शेयरों की लिस्टिंग 265 रुपए पर हुई थी। 1:15 बजे कंपनी का शेयर 0.88 % की बढ़त के साथ 351.10 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। इंट्रा डे ट्रेड के दौरान इसके शेयर 356.40 रुपये तक पहुंच गए थे। कंपनी ने 23 अप्रैल 2024 को 394.70 रुपये के साथ एक साल का हाई लेवल दर्ज किया था। लिस्टिंग के बाद अभी तक जियो फाइनेंशियल ने निवेशकों को करीब 35 फीसदी का रिटर्न दिया है।

First Published : July 12, 2024 | 1:38 PM IST