देश की सबसे बड़ी सिगरेट निर्माता आईटीसी ने प्रतिफल के मोर्चे पर मार्च से शानदार प्रदर्शन किया है और अपने प्रतिस्पर्धी सूचकांक बीएसई फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स और सेंसेक्स को मात दी है। जहां कंपनी ने 36 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है, वहीं उसके प्रतिस्पर्धी सूचकांक को 16 प्रतिशत की तेजी से सब्र करना पड़ा और सेंसेक्स को समीक्षाधीन अवधि के दौरान 4.4 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। ये वृद्धि कंपनी को पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान अपने प्रमुख वर्टिकलों में अच्छे सुधार की वजह से दर्ज करने में मदद मिली। कंपनी को खासकर सिगरेट व्यवसाय के लिए सुधरते परिदृश्य और पर्यावरण, सामाजिक और कॉरपोरेट प्रशासन से संबंधित चिंताएं घटने से मजबूती मिली है।
कंपनी के लिए मुख्य निवेश वृद्धि में उसके सिगरेट व्यवसाय के लिए मजबूत बिक्री और सुधरते परिदृश्य का अहम योगदान है। इस व्यवसाय का सेगमेंट स्तर पर परिचालन लाभ में 81 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान है। एडलवाइस रिसर्च के अबनीश रॉय के नेतृत्व में विश्लेष्कों का कहना है, ‘वित्त वर्ष 2023 में, हमें कानूनी सिगरेट कंपनियों को अवैध कंपनियों (बाजार में करीब एक-चौथाई) से बाजार भागीदारी हासिल होने की संभावना है, क्योंकि लगातार दूसरे वर्ष कर में वृद्धि नहीं हुई है। इसके अलावा, सिगरेट की कीमतें किफायती भी हैं, क्योंकि खपत उत्पादों में 10-20 प्रतिशत की तेजी आई है।’
पिछले दो वर्षों के दौरान दर्ज की गई सुस्ती के बाद वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में बिक्री मे सुधार आया है और यह अब कोविड-पूर्व स्तरों को भी पार कर गई है। कंपनी ने मार्च तिमाही में 9 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की और विश्लेषकों को जून तिमाही में यह 11-28 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है। लगातार दूसरे वर्ष करों में कोई बदलाव नहीं होने से भी बाजार दिग्गज को मांग को प्रभावित किए बिना संतुलित कीमत वृद्धि में मदद मिली है। बाजार की नजर अगले साल बजट में कर बदलावों पर लगी रहेगी और यथास्थति बने रहने से आईटीसी को अल्पावधि से मध्यावधि में अपनी बिक्री और आय सुधारने में मदद मिल सकती है। एफएमसीजी सेगमेंट ने तेजी से अपनी पहुंच बढ़ाई है, बाजार और आउटलेट पहुंच एक साल पहले के मुकाबले 1.1-1.4 गुना पर रही। आशीर्वाद, सनफीस्ट, बिंगो, और बी नैचुरल जैसे कई ब्रांडों की मालिक इस कंपनी की उपस्थिति 70 लाख रिटेल आउटलेटों तक है और अब उसके उत्पाद 20 करोड़ परिवारों तक पहुंचते हैं। कंपनी ने पिछले साल 110 नए उत्पाद पेश किए।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च में विश्लेषक कृष्णन सांबमूर्ति का कहना है, ‘आईटीसी के एफएमसीजी के उत्पाद पोर्टफोलियो की मजबूती ने तेजी से बदल रहे मांग परिवेश में बढ़त दिलाई है। कुछ श्रेणियों में उसकी नेतृत्व क्षमता ने उसे उन अन्य श्रेणियों में उत्पादन लागत दबाव की भरपाई करने के लिए मूल्य निर्धारण ताकत प्रदान की है, जिनमें मूल्य निर्धारण को लेकर स्थिति मजबूत नहीं है।’
वित्त वर्ष 2022 में मुद्रास्फीति दबाव के बावजूद, कंपनी मार्जिन को 9.1 प्रतिशत पर बरकरार रखने में सफल रही और उसने बिक्री तथा परिचालन लाभ में 9-10 प्रतिशत के बीच वृद्धि दर्ज की। कच्चे माल की कीमतों में गिरावट से इस सेगमेंट में मार्जिन को मदद मिलेगी। कंपनी के लिए बदलाव उत्पादन-आधारित रियायत (पीएलआई) योजना है जिससे कंपनी की विभिन्न उत्पाद श्रेणियों के निर्यात को बढ़ावा मिल सकता है। इन
श्रेणियों में बिस्कुट और केक, स्नैक, डेरी और रेडी-टु-ईट मुख्य रूप से शामिल हैं।
जहां होटल व्यवसाय पिछले कुछ वर्षों के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित उद्योगों में शामिल था, वहीं चौथी तिमाही के अंत में इसकी फिर से तेजी दर्ज की गई और ग्राहकों के आने का सिलसिला कोविड-पूर्व अवधि के मुकाबले बढ़ गया। औसत कमरा दर पिछले साल के दौरान सुधरी है, लेकिन यह महामारी-पूर्व स्तरों से नीचे बनी हुई है।
श्रीलंका में अपने होटल उद्यम (जो आर्थिक संकट की वजह से प्रभावित हुआ) को छोड़कर, लीजर ट्रेवल, विदेशी पर्यटकों की आवाजाही और व्यावसायिक यात्राओं में सुधार कपंनी के लिए अच्छा संकेत है, जिसके 113 होटल और 10,700 कमरे हैं। कंपनी ने पिछले साल अपने पोर्टफोलियो में 9 नए होटल शामिल किए और उसे मुनाफे में वृद्धि की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2022 में 6 प्रतिशत पर दर्ज किया गया।
अच्छे मूल्यांकन से भी इस शेयर को मदद मिलने की उम्मीद है। जहां वैश्विक तंबाकू कपनियों के मूल्यांकन महामारी-पूर्व स्तरों (जनवरी 2019) पर पहुंच चुके हैं, वहीं आईटीसी का शेयर अभी भी अपने 25.4 गुना एक वर्षीय ईपीएस अनुमान के जनवरी 2019 के मूल्यांकन के मुकाबले करीब 24 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है।
