NBFC Share Price: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर कार्रवाई की, जिसके बाद समूचे एनबीएफसी क्षेत्र पर कार्रवाई के डर से बड़ी संख्या में निवेशकों ने आज एनबीएफसी कंपनियों के शेयरों से पैसा निकाल लिया। यह पैसा बैंकिंग शेयरों में लगा दिया गया। आईआईएफएल फाइनैंस, जेएम फाइनैंशियल और पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ केंद्रीय बैंक की कड़ी कार्रवाई से निवेशकों की चिंता बढ़ गई। केंद्रीय बैंक ने संचालन में खामियों का हवाला देकर कार्रवाई की है।
आरबीआई ने निगरानी की कमी बताते हुए आईआईएफएल फाइनैंस को गोल्ड लोन मंजूर करना और बांटना बंद करने के लिए कहा है। इसके बाद कंपनी का शेयर लगातार दूसरे दिन 20 फीसदी के निचले सर्किट पर बंद हुआ।
जेएम फाइनैंशियल का शेयर भी आज 20 फीसदी तक लुढ़क गया था मगर बाद में थोड़ा संभलकर कारोबार की समाप्ति पर यह 10.7 फीसदी नीचे बंद हुआ। आरबीआई ने मंगलवार को जेएम फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स के खिलाफ कार्रवाई की थी। इन्हीं दो एनबीएफसी के शेयरों में गिरावट नहीं आई बल्कि 43 एनबीएफसी शेयरों में से 34 लुढ़ककर बंद हुए।
कापरी ग्लोबल कैपिटल में 14.3 फीसदी, एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स में 7.2 फीसदी और मणप्पुरम फाइनैंस में 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर बैंकिंग शेयरों में उछाल आई और निफ्टी बैंक 0.8 फीसदी बढ़त में रहा। ऐक्सिस बैंक में 2.3 फीसदी और कोटक महिंद्रा बैंक में 2.5 फीसदी बढ़त देखी गई, जिससे बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी नए शिखर पर पहुंच गए।
एमके ग्लोबल ने अपने नोट में कहा, ‘हमारा मानना है कि दंडात्मक कार्रवाइयों से निकट भविष्य में एनबीएफसी की वृद्धि प्रभावित हे सकती है। लेकिन इससे व्यापार के अनैतिक तौर-तरीकों पर अंकुश लगेगा और अतीत में दिखी प्रणालीगत खामियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा, जिससे आगे चलकर इस क्षेत्र में हितधारकों का भरोसा बढ़ेगा।’
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक बैंकिंग शेयरों में अपना पैसा लगा रहे हैं क्योंकि हाल में इस क्षेत्र का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहने से उनकी कीमत वाजिब दिख रही है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘कुछ बड़े बैंकों का प्रदर्शन हाल के वर्षों में थोड़ा कमजोर रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि शेयर बाजार में अगली तेजी के अगुआ बैंकों के शेयर ही रहेंगे।’