देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में 10 फीसदी हिस्सा मौजूदा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित किया गया है। पॉलिसीधारक आरक्षित हिस्से के तहत आवेदन करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आवेदकों को आईपीओ कीमत पर 60 रुपये की छूट मिलेगी।
जरूरी मापदंड
मौजूदा पॉलिसीधारकों को यह लाभ हासिल करने के लिए दो मापदंड पूरे करने होंगे। आनंद राठी शेयर्स ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स के प्रमुख (इक्विटी रिसर्च-फंडामेंटल) नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘उन्हें अपने पैन (स्थायी खाता संख्या) के ब्योरे अपने पॉलिसी खाते से जुडऩे होंगे। ऐसा करने की अंतिम तारीख 28 फरवरी 2022 थी, जो पहले ही निकल चुकी है और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया है।’
अगर आप अपनी पॉलिसी को पैन के साथ 28 फरवरी तक की निर्धारित समयसीमा तक नहीं जोड़ पाए तो इस बात के आसार हैं कि आपने पॉलिसी खरीदते समय पैन नंबर मुहैया कराया होगा। एजेंटों का कहना है कि वे इन दिनों ज्यादातर मामलों में पैन संख्या लेते हैं, खास तौर पर प्रीमियम 50,000 रुपये से अधिक होने पर।आपकी पॉलिसी पैन के साथ जुड़ी हुई है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए इस लिंक- एचटीटीपीएस:// बीआईटी.एलवाई/3केसीवाई2एफके का इस्तेमाल करें।
पॉलिसीधारक कोटा के तहत आवेदन करने की दूसरी प्रमुख आवश्यक शर्त यह है कि आपका डीमैट खाता होना चाहिए। अगर आपके पास डीमैट खाता नहीं है तो आप इसके लिए अब आवेदन कर सकते हैं। डीमैट खाता पॉलिसीधारक के नाम पर होना चाहिए। पति या पत्नी या बच्चे के नाम पर खाता काम नहीं करेगा।
पॉलिसीधारक को आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी पॉलिसी में उनके केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) ब्योरे अद्यतन हों। संपर्क ब्योरे यहां अद्यतन किए जा सकते हैं – एचटीटीपीएस://बीआईटी.एलवाई/3केएमएवाईयूक्यू।
कौन है पात्र?
व्यक्तिगत या संयुक्त पॉलिसीधारक दोनों आवेदन कर सकते हैं। संयुक्त पॉलिसीधारकों मामले में एक ही व्यक्ति आवेदन कर सकता है, दोनों नहीं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की सहायक उपाध्यक्ष और शोध विश्लेषक (ब्रोकिंग एवं वितरण) स्नेहा पोद्दार ने कहा, ‘दोनों में से जिस पॉलिसीधारक के पैन के ब्योरे पॉलिसी से जुड़े हुए हैं और जिसके पास डीमैट खाता है, वह आवेदन कर सकता है।’
एचयूएफ (अविभाजित हिंदू परिवार) का कर्ता भी एचयूएफ पॉलिसी के मामले में आवेदन कर सकता है। जो लोग समूह पॉलिसी का हिस्सा हैं, वे पॉलिसीधारक श्रेणी के तहत आईपीओ के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। पोद्दार ने कहा, ‘अनिवासी भारतीय (एनआरआई) पॉलिसीधारक भी इस श्रेणी के तहत आवेदन नहीं कर सकते हैं। इसका लाभ केवल निवासी भारतीयों के लिए ही उपलब्ध है।’
अगर किसी दंपति का जॉइंट डीमैट खाता है तो केवल पहला या मुख्य लाभार्थी ही आवेदन कर सकता है। सभी मौजूदा पॉलिसीधारक आवेदन कर सकते हैं, जिसमें न्यूनतम बीमित राशि या प्रीमियम का कोई मापदंड नहीं है। जिन लोगों ने हाल में एलआईसी पॉलिसी खरीदी है, उन्हें अपनी खरीद की तारीख जांच लेनी चाहिए। सोलंकी ने कहा, ‘एलआईसी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करने की तारीख यानी 13 फरवरी 2022 को या उससे पहले अपनी पॉलिसी खरीदने वाले पॉलिसीधारक ही इस लाभ का दावा करने के हकदार हैं।’
जो लोग एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस जैसी बीमा कंपनियों के पॉलिसीधारक हैं, वे पॉलिसीधारक श्रेणी के तहत आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं। हालांकि एलआईसी से प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) के खरीदार आवेदन कर सकते हैं। एन्यूइटी धारक (जिन्हें भुगतान शुरू हो चुका है, उनके समेत) भी इसके लिए पात्र हैं। किसी पॉलिसीधारक की बोली राशि 2 लाख रुपये (छूट के बाद) से अधिक नहीं हो सकती।
पैन से नहीं जोड़ पाए तो क्या होगा?
अगर आप अंतिम तिथि से पहले अपने पैन को अपनी पॉलिसी से नहीं जोड़ पाए या आपके पास पॉलिसी नहीं है तो आप खुदरा या कर्मचारी श्रेणी में आवेदन कर सकते हैं और छूट हासिल कर सकते हैं। सोलंकी ने कहा, ‘बीमा कंपनी इन श्रेणियों में 45 रुपये की छूट दे रही है।’
आखिर में यह बात याद रखें कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए किसी आईपीओ में भागीदारी आवश्यक नहीं है। सेबी में पंजीकृत निवेश सलाहकार और फिनविन फाइनैंशियल प्लानर्स के संस्थापक मेलविन जोसेफ ने कहा, ‘वे हमेशा इंतजार कर सकते हैं और बाद में कभी खरीद का अच्छा मौका आने पर इन शेयरों को खरीद सकते हैं।’ सूचीबद्धता के समय फायदे के लिए किसी आईपीओ में निवेश करने से बचा जाना चाहिए।