ऐसा लगता है कि खुदरा निवेशक त्योहारों से पहले की जरूरतें पूरी करने के लिए अपनी म्युचुअल फंड योजनाओं को भुना रहे हैं। म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में निवेशकों ने अपने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खातों से करीब 6,578 करोड़ रुपये की निकासी की। यह पिछले 11 महीनों की सर्वाधिक रकम है।
पिछले त्योहारों के दौरान भी एसआईपी खातों से निकासी उच्च स्तर पर थी। सितंबर 2021 में निवेशकों ने 8,600 करोड़ रुपये से अधिक के एसआईपी खातों को भुनाया था जो पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत के बाद की सर्वाधिक निकासी है। उसी दौरान एम्फी ने शुद्ध एसआईपी आंकड़ों का खुलासा करना शुरू किया था।
एम्फी की वेबसाइट पर उपलब्ध मासिक एसआईपी निवेश का आंकड़ा एसआईपी के जरिये किया गया कुल निवेश है। शुद्ध एसआईपी आंकड़ा उस रिपोर्ट में शामिल होता है जिसे फंड हाउस को अलग से भेजा जाता है। हालांकि एम्फी ने यह खुलासा नहीं किया है कि उसने किस प्रकार शुद्ध एसआईपी आंकड़ा तैयार किया है लेकिन फंड हाउस के अधिकारियों का कहना है कि यह एसआईपी खातों के जरिये कुल निवेश और कुल निकासी के बीच का अंतर है।
म्युचुअल फंड के शीर्ष वितरकों के अनुसार, त्योहारों से पहले एसआईपी खातों से निकासी बढ़ जाती है क्योंकि निवेशक इस दौरान खर्च करते हैं। वे मुख्य तौर पर दो कारणों- शुभ मुहूर्त और बेहतर छूट- से खर्च करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सितंबर में एसआईपी योजनाओं को भुनाने के लिए अनुरोध की तादाद बढ़ गई।
पुणे के म्युचुअल फंड वितरक धनंजय काले ने कहा, ‘पिछले महीने होम लोन के डाउन पेमेंट के कारण एसआईपी योजनाओं को भुनाया गया। त्योहार आते ही मकान खरीदने के इच्छुक निवेशक डाउन पेमेंट के लिए अपनी बचत योजनाओं को भुनाने लगते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कुछ निवेशकों ने अपनी म्युचुअल फंड योजनाओं को महज इसलिए भुना लिया कि वे आईफोन खरीदना चाहते थे। ‘
आनंद के एमएफ वितरक निखिल ठक्कर ने कहा, ‘त्योहार निश्चित तौर पर एक प्रमुख कारण था। कुछ निवेशक ऐसे भी थे जिन्हें महंगाई के कारण बढ़े हुए खर्च पूरे करने के लिए अपनी बचत को भुनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। विदेशी, खासकर कनाडा के कॉलेजों में बढ़ी हुई फीस देने के लिए काफी निवेशकों को अपनी म्युचुअल फंड बचत को भुनाना पड़ा।’
क्वांटम म्युचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ जिम्मी पटेल के अनुसार, एसआईपी खातों से निकासी का एक कारण बाजार में उतार-चढ़ाव भी है। उन्होंने कहा, ‘त्योहारी सीजन एक कारण है। दूसरा कारण यह है कि शेयरों के कमजोर प्रदर्शन के मद्देनजर निवेशकों ने अपने निवेश को पुनर्गठित किया। ऐसा भी हो सकता है कि निवेशकों ने सितंबर के पहले दो सप्ताह के दौरान बाजार में तेजी का फायदा उठाने के लिए निकासी की।’
