वित्त-बीमा

बॉन्ड के जरिये 54,800 करोड़ रुपये जुटाएंगे सरकारी बैंक

एटी-1 और टियर-2 दोनों बॉन्ड पूंजी जुटाने के नियामकीय साधन हैं। आम तौर पर बैंक बेसल-3 मानदंडों के तहत पूंजी पर्याप्तता जरूरतों को पूरा करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- November 25, 2024 | 11:00 PM IST

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 54,800 करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिले एक आंतरिक दस्तावेज के अनुसार, यह रकम अतिरिक्त टियर-1 (एटी-1) और टियर-2 बॉन्ड जारी करके जुटाने की योजना है। इन बैंकों ने वित्त वर्ष 2024 में एटी-1 और टियर-2 बॉन्ड जारी कर 39,880 करोड़ रुपये जुटाए थे।

एटी-1 और टियर-2 दोनों बॉन्ड पूंजी जुटाने के नियामकीय साधन हैं। आम तौर पर बैंक बेसल-3 मानदंडों के तहत पूंजी पर्याप्तता जरूरतों को पूरा करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। मगर बिना परिपक्वता तिथि वाले एटी-1 बॉन्ड में काफी जो​खिम माना जाता है क्योंकि वित्तीय संकट के दौरान उन्हें बट्टे खाते में डाला जा सकता है। इसके विपरीत टियर-2 बॉन्ड को बट्टे खाते में नहीं डाला जा सकता है। यील्ड अ​धिक होने के कारण एटी-1 बॉन्ड को कभी-कभी टियर-2 बॉन्ड के मुकाबले प्राथमिकता दी जाती है। इस प्रकार संभावित जो​खिम के लिए तैयार रहने वाले अनुभवी निवेशकों के लिए एटी-1 बॉन्ड को उपयुक्त माना जाता है।

चालू वित्त वर्ष में अब तक केवल भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और केनरा बैंक ने ही एटी-1 बॉन्ड जारी करते हुए रकम जुटाई है। एसबीआई ने इसके जरिये 5,000 करोड़ रुपये और केनरा बैंक ने 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस प्रकार चालू वित्त वर्ष में अब तक एटी-1 बॉन्ड के जरिये कुल करीब 8,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जबकि पिछले साल एटी-1 बॉन्ड के जरिये कुल करीब 17,500 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने चालू वित्त वर्ष में अब तक टियर-2 बॉन्ड के जरिये 23,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कुल मिलाकर, सरकारी बैंकों ने एटी-1 और टियर-2 बॉन्ड के जरिये इस साल अब तक 31,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

दस्तावेज में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में एसबीआई ने 10,000 करोड़ रुपये और पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने भी 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। इसी प्रकार केनरा बैंक ने एटी-1 और टियर-2 बॉन्ड के जरिये 8,500 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने 7,500 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया ने 7,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। इसमें एसबीआई और केनरा बैंक द्वारा जुटाई गई रकम भी शामिल है।

चालू वित्त वर्ष में शेष एटी-1 और टियर-2 बॉन्ड यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (4,000 करोड़ रुपये), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (2,500 करोड़ रुपये), इंडियन बैंक (2,000 करोड़ रुपये), इंडियन ओवरसीज बैंक (1,000 करोड़ रुपये) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (1,800 करोड़ रुपये) द्वारा जारी किए जाएंगे।

विशेषज्ञों ने कहा कि एटी-1 बॉन्ड बाजार में इस साल भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की गतिवि​धियां काफी कम दिखी हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में ऋण की जबरदस्त मांग के बावजूद उच्च कूपन दरों के मद्देनजर बैंक काफी सावधानी बरत रहे हैं।

रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और प्रबंध भागीदार वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘हाल में बाजार नियामक सेबी ने इन ऋण पत्रों में के म्युचुअल फंड मूल्यांकन के संबंध में कुछ रियायत दी है। इससे बाजार प्रतिभागियों को राहत मिलने के कारण एटी-1 बॉन्ड गतिविधियों में तेजी आई है। मगर कई बैंक फिलहल ​स्थिति पर नजर रख रहे हैं। वे निवेशक धारणा, यील्ड संबंधी अपेक्षाओं और मूल्य निर्धारण का बारीकी से विश्लेषण कर रहे हैं।’

बैंक इस साल बुनियादी ढांचा बॉन्ड बाजार का फायदा उठाने के लिए अधिक इच्छुक दिख रहे हैं। एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत का समय नजदीक आने के साथ ही वे इन्फ्रा बॉन्ड के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।

First Published : November 25, 2024 | 11:00 PM IST