विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में अबतक भारतीय बाजारों से 8,879 करोड़ रुपये की निकासी की है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 10 दिसंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 7,462 करोड़ रुपये, ऋण या बॉन्ड बाजार से 1,272 करोड़ रुपये और हाइब्रिड उत्पादों से 145 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 8,879 करोड़ रुपये रही है। नवंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 2,521 करोड़ रुपये निकाले थे।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक और प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अत्यधिक तेजी से प्रसार वाले कोरोनावायरस के ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर चिंता बनी हुई है। इससे वैश्विक वृद्धि का परिदृश्य प्रभावित हुआ है। कोविड-19 का यह स्वरूप पुनरुद्धार को प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इसकी वजह से निवेशक पहले से ही जोखिम से बच रहे हैं। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि मुद्रास्फीति के बढऩे और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक रुख को कड़ा करने की संभावना है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई बैंकिंग शेयरों में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। बैंकों के शेयरों में ही उनका सबसे अधिक हिस्सा है। इसके अलावा वे सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में भी बिकवाली कर रहे हैं।
फ्रैंकलिन के यूनिटधारकों को आठवीं किस्त
एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (एसबीआई एमएफ) सोमवार से फ्रैंकलिन टेंपलटन म्युचुअल फंड की बंद हो चुकी छह योजनाओं के यूनिटधारकों को 985 करोड़ रुपये की आठवीं किस्त का भुगतान शुरू करेगी। फ्रैंकलिन टेंपलटन एमएफ के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि इस किस्त के बाद भुगतान की कुल रकम 26,098.2 करोड़ रुपये हो जाएगी। यह रकम 23 अप्रैल, 2020 तक प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) का 103.5 फीसदी है।
प्रवक्ता के अनुसार, इन योजनाओं को बंद करने के बाद कुल 25,114 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। फरवरी में पहली किस्त के रूप में निवेशकों को 9,122 करोड़ रुपये दिए गए थे। उसके बाद अप्रैल में 2,962 करोड़, मई में 2,489 करोड़, जून में 3,205 करोड़, जुलाई में 3,303 करोड़, सितंबर में 2,918 करोड़ और नवंबर में 1,115 करोड़ रुपये दिए गए। भाषा
