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फिनटेक से साझेदारी करना ही बैंकों के पास विकल्प: NaBFID चेयरमैन केवी कामत

ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में बोलते हुए कामत ने कहा कि फिनटेक में मौजूदा व्यवस्थाओं को बाधित करने और मिल जुलकर काम करने दोनों तरह की व्यापक क्षमता मौजूद है

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- September 07, 2023 | 10:19 PM IST

नैशनल बैंक फॉर फाइनैंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) के चेयरमैन केवी कामत ने गुरुवार को कहा कि फिनटेक कंपनियों के साथ समझौता करने और डिजिटलीकरण करने के सिवाय बैंकों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।

ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में बोलते हुए कामत ने कहा कि फिनटेक में मौजूदा व्यवस्थाओं को बाधित करने और मिल जुलकर काम करने दोनों तरह की व्यापक क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा, ‘वे न सिर्फ न सिर्फ भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए तैयार हैं।’

कामत जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के भी चेयरमैन हैं, जो भारत के अरबपति मुकेश अंबानी की वित्तीय सेवा इकाई है। कामत ने कहा, ‘बैंकों के पास कोई विकल्प नहीं है। इस फिनटेक कार्यक्रम के लोगों की व्यवधान डालने और सहयोग करने की क्षमता बहुत ज्यादा है। मौजूदा कारोबारियों का डिजिटलीकरण बड़ा बदलाव कर सकता है।’

उन्होंने यह भी कहा कि भारत अगले 25 साल में 25 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, डिजिटल इंडिया की इस वृद्धि में हिस्सेदारी 20 से 25 प्रतिशत होगी।

उन्होंने कहा, ‘इस 25 लाख करोड़ डॉलर की यात्रा में डिजिटल इंडिया की हिस्सेदारी 20-25 प्रतिशत से कम नहीं होगी। हम इस कमरे में बैठे लोगों के हिस्से इसका बड़ा हिस्सा आने की उम्मीद कर रहे हैं।’ कामत ने कहा कि भारत इस समय हर डिजिटल डोमेन में उत्कृष्ट है। उन्होंने डिजिटल क्षेत्र में देश की तेज प्रगति की सराहना की, जिससे वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का पता चलता है। जाने माने बैंकर ने फिनटेक क्षेत्र में लाभप्रदता के महत्त्व पर भी जोर दिया और कहा कि लाभ के बिना यह टिकाऊ नहीं है और अल्पकालिक है।

First Published : September 7, 2023 | 10:19 PM IST