सुकन्या समृद्धि योजना की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह योजना केवल लड़कियों के लिए है। सुकन्या समृद्धि योजना पर मौजूदा (अक्टूबर- दिसंबर) तिमाही के लिए ब्याज दर 7.6 फीसदी तय की गई है। सरकार सुकन्या समृद्धि योजना सहित अन्य लघु बचत योजनाओं पर हर तिमाही ब्याज दरों का निर्धारण करती है। ज्यादातर लोग अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए जरूरी पैसे जुटाने के उद्देश्य से लंबे समय वाली इस सरकारी बचत योजना में निवेश करते हैं। लेकिन बहुत सारे लोग इस योजना से संबंधित नियमों को लेकर संशय में रहते हैं। आइए इसे जुड़े नियमों को समझें ताकि लोगों को संशय दूर हो सके।
परिपक्वता अवधि
परिपक्वता की पूरी राशि खाता खोले जाने के दिन से 21 वर्ष बाद ही निकाली जा सकती है। मतलब इस योजना की परिपक्वता अवधि 21 साल है, न कि बच्ची की उम्र 21 वर्ष होने तक। उदाहरण के तौर इसे ऐसे समय सकते हैं कि अगर बेटी के तीसरे जन्मदिन पर खाता खुलवाया गया है तो परिपक्वता की पूरी राशि उसे 24 साल की उम्र में मिलेगी।
योगदान की अवधि
परिपक्वता की पूरी राशि 21 साल के बाद ही निकाली जा सकती है (शादी के मामले में अलग नियम), लेकिन इसमें योगदान खाता खुलने के दिन से 15 वर्ष तक ही करना होता है। हालांकि शादी के लिए खाता अगर समय पूर्व बंद (प्रीमैच्योर क्लोजर) होता है तो योगदान 15 वर्ष से कम भी हो सकता है। मान लीजिए किसी ने अपनी बच्ची के लिए 9 साल की उम्र में खुलवाया है और वह 19 वर्ष की उम्र में अपनी शादी के लिए खाते से पूरी राशि निकालती है तो इस स्थिति में खाताधारक का योगदान सिर्फ 10 वर्ष के लिए होगा।
शादी के लिए पहले बंद कर सकते हैं खाता
अगर खाताधारक (बेटी) की शादी 18 वर्ष की उम्र के बाद होती है तो परिपक्वता राशि पाने के लिए खाते का 21 साल होने जरूरी नहीं है। मान लीजिए किसी लड़की के लिए 5 वर्ष की उम्र में खाता खुलवाया गया। इस स्थिति में इस खाताधारक के 26 वर्ष पूरे होने के बाद ही पूरी निकासी की जा सकती है। लेकिन अगर उस खाताधारक की शादी 19 वर्ष की उम्र में हो जाती है तो इसका मतलब है कि खाता खुलने के सिर्फ 14 साल पूरा होने के बावजूद वह पूरी राशि निकाल सकती है। ध्यान रखें कि समय से पहले खाता बंद करने का प्रावधान शादी की तारीख से 1 महीना पहले और तीन महीने बाद नहीं है।
आंशिक निकासी की सुविधा
उच्च शिक्षा के लिए आंशिक राशि की निकासी संबंधित वित्त वर्ष के अंत में उपलब्ध कुल जमा राशि का अधिकतम 50 फीसदी या शिक्षण संस्थान की फीस से ज्यादा नहीं हो सकती (दोनों में से जो कम हो)। उच्च शिक्षा के मकसद से आंशिक निकासी की अनुमति बेटी के 18 वर्ष की उम्र पूरी करने या दसवीं पास करने (दोनों में से जो पहले हो) की स्थिति में ही होगी। आंशिक निकासी के लिए दो विकल्प हैं – एकमुश्त या किस्तों में। अधिकतम पांच साल तक किस्त में निकासी की जा सकती है। लेकिन हर साल एक ही किस्त निकालने की अनुमति होगी।
ब्याज की गणना
नियमों के मुताबिक महीने की 5 तारीख तक उपलब्ध न्यूनतम जमा राशि पर ही ब्याज मिलेगा। मतलब यदि आप किसी महीने की 5 तारीख के बाद जमा करते हैं तो आपको उस महीने का ब्याज नहीं मिलेगा। मान लीजिए आप किसी वर्ष 6 अप्रैल को इस योजना में एकमुश्त पैसे जमा करते हैं। लेकिन आपको उस वित्त वर्ष जमा की गई रकम पर 12 महीने की जगह 11 महीने का ब्याज मिलेगा। अप्रैल महीने का ब्याज आपको इसलिए नहीं मिलेगा क्योंकि उस महीने की 5 तारीख तक आपने जमा नहीं किया।
परिपक्वता से पहले खाता बंद करना
पहले के नियमों के अनुसार अगर खाताधारक को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है या फिर उसके अभिभावक की मौत हो जाती है तो इन परिस्थितियों में खाता कभी भी बंद किया जा सकता है। लेकिन नए नियमों के अनुसार इन परिस्थितियों में भी खाते के पांच वर्ष पूरे होने के बाद ही बंद करने की अनुमति है।
परिपक्वता के बाद ब्याज
अगर आप परिपक्वता (खाता खोले जाने के दिन से 21 वर्ष पश्चात) के बाद भी रकम नहीं निकालते हैं तो आपकी जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। पहले नियम था कि अगर आप परिपक्वता के बाद जमा रकम नहीं निकालते हैं तो उस रकम पर उस समय योजना पर जो भी ब्याज होगा आपको मिलेगा। इसलिए बेहतर होगा कि आप यह राशि तुरंत निकालकर कहीं निवेश कर दीजिए या अपने बचत खाते में जमा करा दीजिए।