प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Budget 2025 में देश के मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। उन्होंने बजट में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की घोषणा की। बजट के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने बताया कि उनकी इस घोषणा के बाद एक करोड़ टैक्सपेयर अब कोई टैक्स नहीं देंगे। इसका सीधा मतलब यह है कि अब 10 में से 9 वेतनभोगी व्यक्ति को इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
बता दें कि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि नए कर व्यवस्था के तहत अब 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। पहले यह सीमा 7 लाख रुपए थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपए को मिलाकर देखा जाए, तो 12.75 लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, यह छूट केवल वेतन पर लागू होगी। अन्य स्रोतों से होने वाली आय, जैसे कि पूंजीगत लाभ पर टैक्स जारी रहेगा।
आकलन वर्ष 2023-24 के इनकम टैक्स रिटर्न आंकड़ों के अनुसार, 7.54 करोड़ वेतनभोगी व्यक्तियों ने टैक्स रिटर्न फाइल किया। इनमें से 5.89 करोड़ व्यक्तियों की सालाना सैलरी 7 लाख रुपए से कम थी, इसलिए उन्हें पहले से टैक्स में छूट मिली हुई थी। इसका मतलब है कि 78.1% वेतनभोगी टैक्स नहीं देते थे।
अगर इस आंकड़े को आधार मानकर देखें, तो अब 12 लाख रुपए की नई छूट सीमा के अनुसार, टैक्स से छूट पाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 6.77 करोड़ हो जाएगी। इसका मतलब है कि अब 89.8% वेतनभोगी किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देंगे।
अगर 12.75 लाख की सीमा को ध्यान में रखें, तो यह संख्या 6.92 करोड़ हो जाएगी, जिससे 91.7% वेतनभोगी टैक्स से मुक्त हो जाएंगे। इसका अर्थ यह है कि अब 10 में से 9 वेतनभोगी इनकम टैक्स नहीं देंगे।
इस फैसले से लगभग 1.5 करोड़ लोग, जिनकी सालाना आय 7 लाख रुपए से 12 लाख रुपए के बीच है, उन्हें फायदा होगा। अब उन्हें अपनी सैलरी इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार ने टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई है, लेकिन बेसिक छूट सीमा नहीं बढ़ाई है।
सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई है। वहीं, सेक्शन 115BAC(1A) के तहत मिलने वाली छूट की राशि को भी बढ़ाकर ₹25,000 से ₹60,000 कर दिया गया है।
इसका मतलब यह है कि अगर आपकी सैलरी 12 लाख रुपए (या 12.75 लाख रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ) से ज्यादा है, तो आपको टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।