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ब्लॉकचेन पर कर की तैयारी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 11:42 PM IST

देश में नॉन-फंजिबल टोकन (एनएफटी) को व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है। इससे सरकार ब्लॉकचेन प्रणाली पर कर लगाने के प्रस्ताव को लेकर फिर विचार कर रही है। इस प्रणाली में क्रिप्टोकरेंसी और ऐसे डिजिटल टोकन शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि बड़ी हस्तियां एनएफटी का प्रचार कर रही हैं, जिससे उनके इस्तेमाल में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है। अब एनएफटी व्यावसायिक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि हाल में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश भी बढ़ा है, इसलिए उन पर कर लगाने की जरूरत है।
कर विभाग चाहता है कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए कानून बनाने से पहले व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ब्लॉकचेन के इस्तेमाल पर कर लगाने का ढांचा लागू हो। सरकार संसद के शीत सत्र में यह कानून ला सकती है। उद्योग के अनुमानों के मुताबिक भारतीयों का क्रिप्टोकरेंसी में निवेेश करीब 6 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है और अमिताभ बच्चन एवं सलमान खान जैसे बॉलीवुड अभिनेता भी एनएफटी का प्रचार कर रहे हैं, जिससे सरकार इन पर कर लगाने के बारे में दोबारा विचार कर रही है। अभिनेता और राजनेता कमल हासन मेटावर्स में अपना डिजिटल अवतार शुरू करने वाली पहली भारतीय शख्सियत बनने जा रहे हैं।
सरकार अलग से एक कानून पर काम कर रही है, जिससे आधिकारिक डिजिटल करेंसी पेश करने के लिए ‘मददगार ढांचा’ बन पाएगा। यह करेंसी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जारी करेगा।
अधिकारी ने कहा कि इस समय वर्चुअल करेंसी और एनएफटी नियंत्रित नहीं हैं, लेकिन उनका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। अधिकारी ने कहा कि ऐसी परिसंपत्तियों पर कर लगाने का यह मतलब नहीं होगा कि उनमें लेनदेन करना वैध हो जाएगा। यह ऐसे लेनदेन पर कर लगाने का एक कदम होगा, जो इस समय कर के दायरे से बाहर हैं। अधिकारी ने कहा, ‘परिसंपत्तियों की वैधता की कर लगाने में कोई अहमियत नहीं है।’ उन्होंने हाल के उस प्रतिनिधित्व का हवाला दिया, जिस पर वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत आने वाली कर अनुसंधान इकाई विचार कर रही है।
क्रिप्टोकरेंसी पर कर लगाने की ऐसी ही योजना पर 2018 में विचार किया गया था। उस समय वर्चुअल करेंसी में कारोबार फलने-फूलने लगा था।
अधिकारी ने कहा कि अगर सरकार ऐसी परिसंपत्तियों पर रोक लगाने या नियमन का भी फैसला करती है तो ब्लॉकचेन प्रणाली पर कर लगाने का ढांचा बना रहेगा क्योंकि ब्लॉकचेन तकनीक को बहुत से क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

First Published : November 8, 2021 | 10:54 PM IST