रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने केंद्र सरकार ऋण माफी योजना के तहत छोटे और मझौले किसानों को मिलने वाले राहत पैकेज को बैंक परफार्मिंग एसेट में शामिल करने को कहा है।
पूंजी पर्याप्तता मानकों की शर्तों को पूरा करने के लिए भी इस रकम को शून्य जोखिम वाला क्लेम माना जाएगा। नई व्यवस्था के तहत कर्ज माफी की राशि अलग एकाउंट में स्थानांतरित की जानी चाहिए। यह उसी स्थिति में परफार्मिंग एसेट मानी जाएगी, जब वर्तमान वैल्यू टर्म में होने वाले नुकसान के लिए पर्याप्त प्रोविजनिंग की गई हो।
सरकार योजना के तहत बैंकों को दी गई ऋण माफी की पहली किश्त सितंबर 2008 तक बैंकों में जमा कराने वाली है। आरबीआई ने बैंकों को दिए गए निर्देशों में कहा है कि पीवी टर्म में हुए नुकसान की भरपाई के लिए डिस्काउंट रेट 9.56 फीसदी लिया जाना चाहिए। इस योजना के तहत ऋण माफी की पात्रता रखने वाले किसान ऋण माफी की कुल राशि का 75 फीसदी खुद चुकाएंगे। शेष 25 फीसदी राशि की भरपाई सरकार के जिम्मे होगी।