Challa Sreenivasulu Setty, chairman of SBI
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अध्यक्ष चाल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने मंगलवार को कहा कि देश की तेजी से बदल रही वित्तीय व्यस्था में होड़ में बने रहने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रौद्योगिकी पर आधारित, नवाचार से संचालित संस्थानों के रूप में खुद को स्थापित करना होगा।
नई दिल्ली में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के 52वें नैशनल मैनेजमेंट कन्वेंशन में बोलते हुए शेट्टी ने कहा कि आज बैंकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती तेजी से बदलते ग्राहकों की उम्मीदों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि यह ऐसी चुनौती है, जो फिनटेक या क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही टक्कर से भी बड़ी है। शेट्टी ने कहा, ‘ग्राहकों की उम्मीदें असाधारण रूप से बदल रही हैं। बैंक खाता खुलने की खुशी से लेकर 3 दिन में खाता खुलने, फिर 4 घंटे में खाता खुलने और अब 20 मिनट के भीतर खाता खुलने की उम्मीद करना एक बड़ा बदलाव है।’
यह भी पढ़ें: सरकारी बैंकों ने अप्रैल में बंद किये 15 लाख जन धन खाते
उन्होंने कहा बैंकों को लगातार अपनी सेवाओं में बदलाव करना होगा। शेट्टी ने कहा कि सरकारी बैंकों में हाल के वर्षों में बहुत बदलाव हुआ है। सुधारों और डिजिटलाइजेशन पर लगातार जोर से इसमें मदद मिली है। वित्त वर्ष 2025 में सरकारी बैंकों को 1.78 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जिसमें इसके पहले वित्त वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। वहीं सकल एनपीए गिरकर 0.52 प्रतिशत के सबसे निचले स्तर पर है। ऋण में वृद्धि की रफ्तार धीमी हुई है फिर भी वित्त वर्ष 2025 में 12.2 प्रतिशत के मजबूत स्तर पर बनी रही। शेट्टी ने स्टेट बैंक के यूपीई लेनदेन का उदारहण दिया, जहां तकनीक की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा, ‘सिर्फ यूपीआई प्लेटफॉर्म पर स्टेट बैंक रोजाना 18 करोड़ लेनदेन कराता है। आईपीएल के दौरान संख्या बढ़कर 22 करोड़ रोजाना पहुंच जाती है और ये बढ़े लेनदेन भी 2 घंटे के भीतर संभालने होते है।’