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ब्याज दरें घटने के आसार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 2:02 AM IST

देश की आर्थिक परिस्थितियों की जानकारी देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से कल रात मुलाकात की।
रिजर्व बैंक ने आज जारी बयान में बताया कि गवर्नर ने वित्त मंत्री को आश्वस्त किया है कि बैंक मौजूदा आर्थिक स्थिति पर नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर उचित नीतिगत कार्रवाई करेगा। गवर्नर ने मंत्री को वैश्विक वित्तीय संकट के हालात वैश्विक अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण और विकसित एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं की प्रतिक्रिया का ब्योरा भी दिया।
जनवरी और फरवरी में सुब्बाराव ने वैश्विक संकट से निपटने के लिए विकसित और विकासशील देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों से जनवरी महीने में बेसल में और फरवरी में मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में मुलाकात की।
गौरतलब है कि प्रणव मुखर्जी की तरफ से इस वित्त वर्ष में गिर रही विकास दर के लिए मौद्रिक नीतियों की समीक्षा की बात कहने के बाद यह बैठक जरूरी हो गई थी। 

देश के आर्थिक हालात की जानकारी देने के लिए केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन इस सप्ताह के अंत तक सकल घरेलू उत्पाद के तीसरी तिमाही के आंकड़े जारी कर सकता है।
उसके बाद केंद्रीय बैंक और उपायों की घोषणा कर सकता है। पिछले सप्ताह सुब्बाराव ने टोक्यो में ब्याज दरों को और कम करने की बात भी कही थी। उन्होंने औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन घटने, निर्यात, निवेश और सेवा क्षेत्र में कमी आने की बात भी स्वीकार की थी।
देश के आर्थिक हालात को सुधारने के लिए आरबीआई की तरफ से उठाए कदमों के तहत भारतीय बाजार में 3,88,000 करोड़ रुपये का प्रवाह बढ़ा है। लेकिन इसके बावजूद बाजार को उम्मीद है कि आने वाले कुछ सप्ताह के दौरान केंद्रीय बैंक रेपो रेट(जिस दर पर बैंक केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते है) में 100 आधार अंकों की कमी करेगी।
अक्टूबर से अब तक आरबीआई ने रेपो रेट में 350 आधार अंको और रिवर्स रेपो रेट(इस दर के अंतर्गत केंद्रीय बैंक राशि जमा कराने पर बैंको को ब्याज देता है)में 200 आधार अंकों की कमी की है। 

इसके अलावा नकद सुरक्षित अनुपात भी 400 अंको तक घटाया जा चुका है। इसके तहत ही बाजार में लगभग 1,60,000 करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ है।
देश में स्थित विदेशी और निजी बैंकों ने भी अपनी प्राथमिक ऋण दरों(पीएलआर)को 50 बेसिस अंको तक कम किया है। जबकि सार्वजनिक बैंकों ने इसे 150 से 200 बेसिस अंकों तक घटाया है। आरबीआई और सरकार दोनों बाजार में मुद्रा का प्रवाह बनाए रखने के लिए बैंकों को ऋण दरें कम करने का निर्देश दे रही हैं।

First Published : February 23, 2009 | 10:22 PM IST