डीएसपी मेरिल लिंच के चेयरमैन हेमेंद्र कोठारी बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा की गई मेरिल लिंच की खरीदारी में 10 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं।
कोठारी के करीबी सूत्रों ने कहा कि जब तक संभव हो, वे वह स्वतंत्र ईकाई के रूप में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखेंगे। वह जल्दबाजी में कोई निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं है जब तक मेरिल लिंच की पुनर्संरचना प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है।
एक शीर्ष कार्यकारी ने कहा कि बैंक ऑफ अमेरिका की योजनाओं के मुताबिक डीएसपी मेरिल लिंच खुद की पुनर्संरचना करेगी। इस प्रक्रिया केसाल 2009 की पहली तिमाही तक अधिग्रहण केसाथ पूरे होने की संभावना है।
डीएसपी मेरिल लिंच की कुल कीमत मार्च 2008 को खत्म हुए वित्त्तीय वर्ष में 2,700 करोड़ रुपए थी और उसके करीब 600 कर्मचारी अभी भारत में हैं। कंपनी का करदेयता के बाद लाभ 1,204 करोड़ रुपए रहा था।
न्यूयार्क स्थित अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी सिक्योरिटीज कंपनी डीएसपी मेरिल लिंच में 90 फीसदी हिस्सेदारी रखती है। पिछले हफ्ते के दौरान बैंक ऑफ अमेरिका ने मेरिल लिंच को 50 अरब डॉलर में खरीद लिया था। हालांकि कर्मचारियों ने जॉब का किसी भी प्रकार का नुकसान होने की हालत में दूसरे विकल्प खोल रखे हैं।
डेट मैनेजमेंट ऐसा ही एक क्षेत्र है। मेरिल लिंच के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के भारतीय परिचालन में कुछ जॉब में कटौती कर सकती हैं।
हालांकि यह मेरिल लिंच के म्युचुअल फंड कारोबार की तरह की काम करती रहेगी। कंपनी ने घोषणा की थी कि वह अब डीएसपी ब्लैकरॉक म्युचुअल फंड के नाम से मेरिल लिंच के एसेट मैनेजमेंट कारोबार को जारी रखेगी।
मेरिल लिंच का ब्लैकरॉक से समझौता साल 2006 में हुआ था। मेरिल लिंच के वैश्विक पुनर्संरचना के तहत डीएसपी मेरिल लिंच फंड मैनेजर में डीएसपी मेरिल लिंच की 40 फीसदी हिस्सेदारी का स्थानांतरण ब्लैकरॉक को हो जाएगा। जबकि 60 फीसदी हिस्सेदारी डीएसपी समूह के हेमेंद्र कोठारी के पास बनी रहेगी।