सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनके द्वारा 15 दिसंबर से मंजूर किए गए आवास ऋण से संबंधित आंकड़े जमा कराने का निर्देश दिया है।
मांग बढ़ाने के लिए सरकार के हस्तक्षेप के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 20 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर बहुत कम ब्याज दर की 15 दिसंबर को घोषणा की थी। गौरतलब है कि वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की इन बैंकों के प्रमुखों के साथ सोमवार को बैठक होनी है।
बैंकरों का कहना है कि 20 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज दरों में 9.25 फीसदी की कमी और 5 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज दर में 8.5 की कमी की गई। हालांकि इसको लेकर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं रही है।
इस पैकेज के तहत पांच सालों के लिए ब्याज दर को फिक्स कर दिया गया है। ऋण के साथ ही मुफ्त संपत्ति बीमा सुविधा भी दी जाएगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ‘आवास ऋण के बेहतरीन ऑफर के बावजूद ग्राहकों का रुझान नहीं बढ़ रहा है। उसकी वजह लोगों का यह सोचना है कि रियल एस्टेट की कीमतों में आगे कमी आएगी। बैंकों ने वित्त मंत्रालय से इस बाबत जानकारी दी थी लेकिन मंत्रालय ने पाक्षिक आंकड़े पेश करने के लिए कहा है।’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हार्ट सर्जरी की वजह से अस्पताल में हैं और मुखर्जी ने वित्त मंत्रालय का उनका काम संभाला हुआ है। हालांकि बैंक प्रमुखों के साथ तिमाही बैठक का एजेंडा क्या है, अभी इसके बारे में बताया नहीं गया है।
सूत्रों का कहना है कि इसमें दिए गए ऋणों और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के मद्देनजर जो पैकेज लागू किए गए हैं, उनकी भी समीक्षा की जा सकती है। यह बैठक संसद सत्र शुरू होने और चुनावी प्रक्रिया से एक महीने पहले ही होगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से न केवल हाल के महीने बल्कि पिछले तीन साल के उधार लेने और उधार देने जैसी सभी तरह की बढ़ोतरी के बाबत सारी जानकारियां देने को कहा गया है।
बैंक के एक अधिकारी का कहना है, ‘इस बैठक में पिछले चार महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक के उठाए गए कदमों की घोषणा के बाद से फंड की लागत का विश्लेषण किया जाएगा।
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सरकार दूसरे चरण के दरों में कटौती के लिए भी दबाव बनाने की कोशिश में है। इसी वजह से उन्होंने विस्तार से आंकड़े पेश करने के लिए कहा है।’सोमवार को केंद्रीय बैंक ने बैंकों द्वारा क्षेत्रवार कर्ज उपलब्ध कराने के बाबत ताजा आंकड़े जारी किए हैं।