फ्रेंच बैंक सोसियाते जेनराल (एसओजीएन) ने भारत में अपने प्राइवेट बैंकों के विस्तार के लिए एक आक्रामक योजना बनाई है।
इसके तहत बैंक ने अपने कर्मचारियों समेत अपनी शाखाओं की संख्या को दोगुनी करने की सोची है। बैंक के इंडियन यूनिट के प्राइवेट हेड बालाकृष्णन कु. इस बारे में कहते हैं कि बैंक की योजना के मुताबिक अगले तीन सालों के भीतर रिलेशनशिप मैनेजरों की संख्या को दुगुना किए जाने की बात है।
इसके अलावा मौजूदा दिल्ली और मुंबई समेत और आठ से दस शहरों में हमने ट्रस्ट सर्विस स्थापित करने की सोची है। बैंक के भारत में अपनी शाखाओं को बढ़ाने के मद्देनजर वजह बताते हुए बालाकृष्णन कहते हैं कि बैंक भारत में उदारीकरण और ग्रोइंग वेल्थ को भुनाना चाहती है। बालाकृष्णन आगे कहते हैं कि बाजार के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ रही है,यहां की परिसंपत्तियों में इजाफा हो रहा है।
इसके अलावा लखपतियों की संख्या भी बड़ी तेजी से बढ़ रही है, लिहाजा बैंक का भारत की ओर मुखातिब होना लाजिमी है। मालूम हो कि भारत में लखपतियों की संख्या 21 फीसदी की दर से बढ़ रही है। मेरिल लिंच की रिपोर्ट के मुताबिक 2006 में भारत की लाखपतियों की संख्या 1 लाख थी। नतीजतन इसने अंतरराष्ट्रीय बाजार का भारत में विस्तार को प्रोत्साहित किया है।
इस बाबत मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि उसने भारत के घरेलू बाजार को भुनाने की कवायद में 100 प्राइवेट बैंक हायर किए हैं। इस प्रकार उसका उद्देश्य भारत में 2010 तक कुल 1 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करना है। उधर सोसियाते जेनराल ने भारत में हेड ऑफ एसजी प्राइवेट बैंक निपुण मेहता को नियुक्त किया है।