भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र की हालत और बेहतर करने के लिए सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम करनी चाहिए और सरकारी बैंकों के विलय को भी हरी झंडी दे देनी चाहिए।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन की अगुआई वाली वित्तीय समिति ने बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी खिलाड़ियों को भी धीरे-धीरे प्रवेश देने की सिफारिश की है। समिति के मुताबिक पूंजी खाते की पूर्ण परिवर्तनीयता की ओर भी सरकार को कदम बढ़ाने चाहिए।
इसके अलावा ऋण डेरिवेटिव्स और संपत्ति प्रतिभूतियों के लिए भी बाजार का विकास करना चाहिए। समिति ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट आज सार्वजनिक की।