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ब्रिटेन के बैंकों को 50 अरब पाउंड की मदद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 11:05 PM IST

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन ने देश के बैंकिंग सिस्टम को तबाही की राह पर जाने से रोकने के लिए 50 अरब पाउंड (87 अरब डॉलर) के अभूतपूर्व बेलआउट पैकेज की घोषणा की है।


सरकार अपनी अपनी विशेष तरलता योजना के तहत बैंक ऑफ इंग्लैंड के तरजीही (प्रिफरेंस) शेयर खरीदेगी। इससे बैंक के पास उधार देने के लिए 200 अरब पाउंड उपलब्ध हो सकेंगे।

ब्रितानी कोषालय ने इस बारे में बताया कि सरकार रीफाइनेंशियल डेट की मदद के लिए 250 अरब पाउंड की गारंट भी देगी। इस बारे में एक्सचेकर चांसलर एलिस्टर डॉर्लिंग ने कहा कि  बैंकों को वापस सामान्य कामकाज की स्थिति में लौटाने के लिए इस तरह के ब्लॉक खड़े करना बेहद जरूरी हो गया था।

ज्ञातव्य है कि अमेरिका के वित्तीय बाजार में लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने के बाद आए संकट से निपटने के लिए अब तक अमेरिका, आयरलैंड, आइसलैंड, बेल्जियम और स्पैन ने इस तरह के बेल आउट पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं। आज ब्रिटेन भी उनकी फेहरिश्त में शुमार हो गया।

पिछले सप्ताह ब्रिटेन के सबसे बड़े के सबसे बड़े मॉर्गेज कर्जदाता एचबीओएस रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ग्रुप की वैल्यू निवेशकों का भरोसा उठ जाने के कारण आधी घट गई थी। सरकार ने अपनी घोषणा में कहा कि  वरीय शेयर के रूप में 25 अरब पाउंड का कर्ज तत्काल उपलब्ध है।

साथ ही 25 अरब पाउंड की मदद अलग से रखी गई है। हर बैंक को दी जाने वाली मदद उनके डिविडेंट पेआउट, कार्यकारी पे पॉलिसी के आधार पर दी जाएगी। बैंकों के लिए छोटे कारोबारियों और गृह स्वामियों को ऋण देना जरूरी होगा।

सरकारी मौजूदा मदद के बारे में लंदन स्थित कैस बिजनेस स्कूल के पीटर हॉन ने कहा कि यह कदम किसी ब्लैंकेट गारंटी से अधिक बेहतर हैं। इससे बैंको के तौर तरीकों में कोई खास बदलाव नहीं होगा। करदाताओं का बैंक पर सीधा एक्सपोजर और नियंत्रण बना रहेगा। यह काफी अच्छी बात है।

ब्रिटेन ने यह कदम राष्ट्रीयकृत नॉर्दन रॉक और ब्रांडफोर्ड व बिंगले द्वारा एचबीओएस के अधिग्रहण की गई व्यवस्था के बाद उठाया है। इस समय डॉर्लिंग और ब्राउन वित्तीय सेवा उद्योग को बचाने के लिए प्रयासरत हैं। ब्रितानी बैंकों ने पहले ही 12,000 नौकरियों में कटौती की घोषणा कर चुकी हैं। यह पिछले साल के मुकाबले तीन गुना अधिक है।

ब्रिटेन सरकार की ओर से घोषित बेलआउट योजना का लाभ उठाने के लिए आरबीएस, एचबीओएस, एबी, बार्केलेज, एचएसबीएस होल्डिंग, लॉयड टीबीएस ग्रुप, नेशनवाइड बिल्डिंग सोसाइटी और स्टैंडर्ड चॉर्टर्ड पात्र हैं। 

रॉयल एसेट मैनजमेंट में 31 अरब पाउंड का प्रबंधन करने वाले रॉबर्ट टाल्बट ने इस बारे में बताया कि सरकार को यह साफ कर देना चाहिए किस बैंक को कितनी क्रेडिट मिलने वाली है। उन्होंने बस इतना ही कहा है कि बैंकों के लिए 25 अरब पाउंड उपलब्ध हैं। लेकिन यह साफ नहीं किया कि इसे कैसे विभाजित किया जाएगा। 

तीन बड़े बैंक आरबीएस, बार्कलेज लॉयड टीबीएस समेत तीन अन्य ब्रितानी बैंकों को मार्च 2009 तक अपने बकाया चुकाने के लिए 54 अरब पाउंड की जरूरत होगी। इस बकाया में बांड्स, परिवर्तनिय बांड और कमर्शियल पेपर शामिल हैं। 

ब्लूमबर्ग के अनुसार आरबीएस को अगले छह माह में 11.5 अरब पाउंड का बकाया मिलने वाला है जबकि दूसरी सबसे बड़ी ब्रितानी बैंक बार्कलेज के 15.9 अरब पाउंड मेच्यौर हो रहे हैं। ब्रितानी बैंक सरकारी अधिकारियों ट्रेजरी को शेयर बेचने और बैंक डिपाजिट पर मिली गारंटी को बढ़ाने को लेकर बातचीत कर रहे थे। बार्कलेज के सीईओ जॉन वॉर्ले ने बताया कि यह पैकेज बाजार की सबसे अहम बात को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

हांगकांग ने ब्याज दरें घटाईं

दुनिया में गहराए वित्तीय संकट से बाजार में उत्पन्न हुई तरलता की तंगी से निपटने के लिए हांगकांग सरकार ने ब्याज दरों में एक फीसदी की कटौती की घोषणा की है। एक दशक पहले बेंचमार्क शुरु होने के बाद से यह सबसे बड़ी ब्याज दरों में कटौती है। इस अभूतपूर्व कदम के बारे में एचएसबीसी होल्डिंग ने बताया कि वे हाल फिलहाल इस बारे में अध्ययन कर रहे हैं।

लेकिन जब तक स्थानीय बैंक अपनी नीतियां एडजेस्ट नहीं करती वे इस पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। इस कटौती के बारे में हांगकांग मॉनेटरी अथॉरिटी के प्रमुख कार्यकारी जोसेफ याम ने बताया कि हांगकांग नए फार्मूले के तहत अपनी बेस रेट या फिर विंडो रेट को 0.5 फीसदी कम करेगा। 1998 के बाद से अब तक की यह सबसे बड़ी कटौती है। उन्होंने बताया कि बेस रेट को 3.5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी हो जाएगा।

First Published : October 8, 2008 | 10:35 PM IST