भाजपा ने राजस्थान के लिए नया मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। सांगानेर से पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ने वाले भजनलाल शर्मा ने इस बार जीत हासिल की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में ब्राम्हण चेहरा रहे शर्मा को मुख्यमंत्री पद की बागडोर दे दी गई।
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भरतपुर के रहने वाले भजनलाल शर्मा जहां पहली बार विधायक बने हैं वहीं, वे 4 बार प्रदेश के महामंत्री भी रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक दल (RSS) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के काफी करीबी माने जाते हैं। वे भरतपुर में जिला मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे हैं।
मुख्यमंत्री पद के लिए यह फैसला विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक में रक्षा मंत्री और पार्टी पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह मौजूद रहे। उनके साथ विनोद तावड़े, सरोज पांडे के साथ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भाजपा नेता सीपी जोशी, वसुंधरा राजे और अन्य नेता भी जयपुर में भाजपा कार्यालय पर पहुंचे थे। दिलचस्प बात यह है कि बैठक के बाद विधायकों की ग्रुप फोटो में भजनलाल शर्मा चौथी लाइन में बैठे थे।
पर्यवेक्षक के तौर पर भेजे गए राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होंगे। पहली-दीया कुमारी और दूसरे-जयपुर जिले की दूदू सीट से विधायक प्रेम चंद्र बैरवा।
उन्होंने कहा कि वासुदेव देवनानी विधानसभा के स्पीकर चुने गए हैं। देवनानी अजमेर नॉर्थ से विधायक हैं। वह 2003 से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इसके पहले वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वासुदेव देवनानी संघ के काफी करीबी भी माने जाते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री यानी तीनों बड़े पद जयपुर को ही दिए हैं।
भाजपा ने जहां मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए OBC चेहरा चुना है, वहीं छत्तीसगढ़ के लिए आदिवासी चेहरे को मुख्यमंत्री पद की गद्दी दी। इसके बाद भाजपा ने राजस्थान के लिएआज ब्राम्हण चेहरे को CM बनाया।
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रक्षा मंत्री व राजस्थान भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आज राजस्थान भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा गया और सभी ने सर्वसम्मति से भजनलाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना।’
माना जा रहा है कि बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को बैठक से पहले ही नए मुख्यमंत्री का नाम प्रस्तावित करने के लिए मना लिया था।
जयपुर की विद्याधर नगर सीट से शाही घराने की राजकुमारी और भाजपा सांसद दीया कुमारी ने भारी मतों से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता सीताराम अग्रवाल को 71368 वोटों से हराया था। गौरतलब है कि दीया कुमारी महाराजा सवाई सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की पुत्री हैं।
राजस्थान में उपमुख्यमंत्री के लिए चुने गए दो उपमुख्यमंत्रियों में प्रेमचंद्र बैरवा का भी नाम आता है। 49 वर्षीय बैरवा 2028 में विधानसभा चुनाव हार गए थे।। मगर इस बार कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल नागर को 35,743 वोटों के मामूली अंतर से हराकर सीट जीत ली थी। हालांकि 2023 के चुनाव में उन्होंने चुनाव जीत लिया था।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद से 17 विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों पर मतदान हुए थे। वोटों की गिनती रविवार यानी 3 दिसंबर को हुई थी। इसमें भाजपा ने 115 सीटें जीतीं। कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई। आठ निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे, तीन सीटों पर भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार जीते थे। दो सीटें बहुजन समाज पार्टी (बसपा)के खाते में गई थी। 1-1सीट RLTP और RLD को मिली। राजस्थान में 5 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने वोट दिया था। प्रदेश में करीब 74.13 फीसदी वोट पड़े थे।