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UP में नाराज क्षत्रियों को मनाने के लिए अमित शाह ने संभाली कमान, विधायकों को दिए खास निर्देश

उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर स्थानीय विधायकों की नाराजगी और भाजपा प्रत्याशी की मदद न करने की खबरें आ रही थीं।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- May 14, 2024 | 6:58 PM IST

उत्तर प्रदेश में चार चरणों का चुनाव बीतने के साथ और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामने दिखी चुनौतियों के मद्देनजर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले सूबे में मोर्चा संभाल लिया है।

नाराज क्षत्रियों (Kshatriyas) नेताओं को मनाने, पार्टी में शामिल कराने से लेकर विधायकों को निर्देश जारी करने का काम उनकी देखरेख में हो रहा है। कई सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व में घोषित प्रत्याशियों में बदलाव से लेकर आकाश आनंद के आक्रामक प्रचार अभियान पर लगाम लगाने को शाह की रणनीति की सफलता के तौर पर ही देखा जा रहा है।

कई लोकसभा सीटों पर अपने की प्रत्याशियों के प्रचार को लेकर उदासीन या अंदरखाने विरोध कर रहे पार्टी विधायकों को भी निर्देश जारी करते हुए उन्हें हर हाल में जीत सुनिश्चित करने को कहा गया है।

पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने का निर्देश

उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर स्थानीय विधायकों की नाराजगी और भाजपा प्रत्याशी की मदद न करने की खबरें आ रही थीं। कुछ जगहों पर ये नाराजगी खुले आम प्रदर्शित भी की जा रही थी।

चुनाव में इसके चलते नुकसान के अंदेशे को देखते हुए पहले पार्टी महासचिव सुनील बंसल को भेजकर विधायकों को चेताया गया फिर अमित शाह ने सीधे निर्देश जारी करते हुए सभी से पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने को कहा है।

बीते कई सालों से भाजपा का हर मौके पर साथ दे रहे उत्तर प्रदेश के कद्दवार क्षत्रिय नेता रघुराज प्रताप सिंह राजा भैय्या इस लोकसभा चुनाव में अब तक शांत बैठे थे।

कहा जा रहा था कि पहले राजा भैय्या अपनी पार्टी जनसत्ता दल के लिए एक-दो लोकसभा सीटों की मांग कर रहे थे व न मिलने पर कम से कम अपने प्रभाव क्षेत्र प्रतापगढ़ व कौशांबी में मनमुताबिक भाजपा प्रत्याशी चाह रहे थे। दोनो अपेक्षाएं पूरी न होने पर राजा भैय्या किसी के लिए प्रचार न करते हुए चुपचाप बैठे थे।

भाजपा के लिए प्रचार करेंगे राजा भैय्या

राजा भैय्या की अधिक नाराजगी कौशांबी सांसद प्रत्याशी विनोद सोनकार से थी जो उनके खिलाफ अक्सर बयान देते रहते थे। बीते हफ्ते राजा भैय्या से अमित शाह बंगलौर में मिले और उन्हें मनाया। अब राजा भैय्या (Raja Bhaiya) ने भाजपा के लिए प्रचार करने का एलान कर दिया है।

इसी तरह जौनपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह के खिलाफ बसपा प्रत्याशी के तौर पर बाहुबली व प्रभावशाली क्षत्रिय नेता धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी का नामांकन दाखिल करा दिक्कत खड़ी कर दी थी। उनके पति धनंजय एक आपराधिक मामले में सात साल की सजा पाने के बाद जेल में थे।

उच्च न्यायालय ने धनंजय की पत्नी के नामांकन दाखिल होने के दिन ही उन्हें जमानत दे दी और उसके एक दिन बाद बसपा ने टिकट वापस ले लिया। इसी हफ्ते धनंजय ने अपनी पत्नी श्रीकला के साथ दिल्ली जाकर अमित शाह से मुलाकात की और एक घंटे तक चर्चा की। अब धनंजय सिंह भाजपा का विरोध नहीं कर रहे हैं।

इसी तरह बस्ती जिले के प्रभावशाली क्षत्रिय नेता राजकिशोर सिंह पहले मायावती और फिर अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। पिछले विधानसभा चुनावों के समय उन्होंने कांग्रेस छोड़कर फिर से बसपा ज्वाइन कर ली थी। हालांकि इधर कुछ महीने पहले उन्होंने बसपा भी छोड़ दी थी और किसी नए ठिकाने की तलाश में थे।

काफी समय से राजकिशोर भाजपा में शामिल होने प्रयास में थे और इसके लिए अमित शाह से मिलना चाहते थे। हाल ही में शाह ने खुद राजकिशोर को दिल्ली बुलाकर मुलाकात की और उन्हें पार्टी में शामिल कराया।

दो दिन पहले रायबरेली में भाजपा प्रत्याशी दिनेश सिंह के लिए जनसभा करने पहुंचे अमित शाह ने समाजवादी पार्टी के बागी विधायक व पूर्व मंत्री मनोज पांडे के घर जाकर मुलाकात की। मनोज पांडे रायबरेली लोकसभा सीट से भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार थे। टिकट न मिलने के चलते नाराज थे और भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं कर रहे थे। अमित शाह के पहुंचने के बाद उनके तेवर नरम पड़े हैं और उन्होंने मदद का भरोसा दिया है।

First Published : May 14, 2024 | 6:58 PM IST