प्रतिभूति लेन-देन कर से भरी तिजोरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:37 PM IST


सुधार के लिए अब सरकार की नजर निजी क्षेत्र के पेशेवरों पर है। नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन के नेतृत्व के लिए निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की तलाश की जा रही है। कुल

15,000 करोड़ रुपये से बनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य 1 करोड़ प्रतिवर्ष कुशल लोगों को तैयार करना है। इसका संचालन नान–प्राफिट कार्पोरेशन करेगा।


 


यह श्रमशक्ति इस उद्देश्य से तैयार किया जाएगा

, जिससे तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा किया जा सके। इस समय विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी नजर आ रही है। उम्मीद की जा रही है कि यह मिशन चार से पांच महीनों के भीतर काम करना शुरू कर देगी।

 


इस मिशन की अपेक्स कमेटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह होंगे। साथ ही योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया इसके उपाध्यक्ष होंगे। इस कमेटी को श्रम मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री भी अपना सहयोग देंगे।


 


वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में कहा था

, ”मिशन और नेतृत्व का ढांचा ऐसा होगा कि इसमें देश के हर हिस्से की भागीदारी इस योजना में सुनिश्चित हो सके।” बाद में उन्होंने कहा कि उद्योगों की मांग को ध्यान में रखते हुए यह योजना बन रही है कि मिशन का नेतृत्व निजी क्षेत्र करे।

 


योजना आयोक के सदस्य बालचंद्र मुंगेकर

, जो इस मिशन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं, ने पूछे जाने पर बताया, ‘निजी क्षेत्र से जो भी यह पद ग्रहण करेगा, वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर काम करेगा। इसके बारे में अभी विस्तृत रूपरेखा तैयार किया जाना बाकी है।‘ मुंगेकर ने यह भी कहा, ”वह व्यक्ति काम करने के मामले में पूरी तरह से पेशेवर, व्यावहारिक और पूरी तरह से सक्षम होना चाहिए।”

 


यह प्रस्ताव अभी तैयारी के दौर से गुजर रहा है। सरकारी अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या इस पद के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी, उन्होंने कहा कि यह उस पद के प्रभार पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ‘अगर उस पद पर काम करने वाले व्यक्ति का वेतन 18,400 रुपये से ज्यादा होगा तो कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत पड़ेगी।‘


 


यह मिशन राज्य द्वारा संचालित कार्यक्रम नहीं होगा। इसका संचालन बाजार की जरूरतों के मुताबिक होगा। मुंगेकर ने कहा कि इस मिशन के अंतर्गत विभिन्न कोर्सों के प्रशिक्षण के लिए पाठयक्रम निजी क्षेत्र तैयार करेंगे।

चिदंबरम ने इसके लिए

15,000 करोड़ रुपये की पूंजी निर्धारित की है। इस मिशन के लिए सरकार और निजी क्षेत्रों के अलावा अन्य क ई क्षेत्रों को टटोला जाएगा। इसकी शुरुआत के साथ ही 2008-09 के बजट में सरकार के हिस्से का 1000 करोड़ रुपया आवंटित किया जा चुका है।
First Published : March 17, 2008 | 5:19 PM IST