जी-20 देशों के समूह के अगले अध्यक्ष और मेजबान के रूप में भारत जलवायु के अनुकूल शहरी बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। नीति निर्माताओं का मानना है कि इस विषय पर ताकतवर बहुराष्ट्रीय समूह के विकसित और उभरते देशों के बीच कोई मतभिन्नता नहीं होगी। बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी मिली है।
सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘समूह के अध्यक्ष को प्राथमिकता तय करनी होती है। बुनियादी ढांचे में हम कुछ संभावनाएं देख रहे हैं। इंडोनेशिया की अध्यक्षता में भारत इसके बारे में बुनियादी ढांचे के कार्यसमूह के सामने एक खाका पेश करेगा। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुनियादी ढांचे के एजेंडे पर औपचारिक बयान दे सकती हैं।’जी-20 के बाली सम्मेलन के बाद भारत 1 दिसंबर, 2022 से लेकर 30 नवंबर, 2023 के लिए काम संभाल लेगा। उसके बाद जी-20 का मुख्य सम्मेलन सितंबर 2023 में नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, लेकिन इसके पहले विभिन्न देशों में तमाम बैठकें होंगी।
अधिकारी ने कहा, ‘सभी 20 सदस्यों के बीच आम सहमति बनाने के हिसाब से ध्यान का केंद्र बहुत व्यापक नहीं होगा, न इसका प्रसार बहुत कम होगा। ऐसे में मुख्य बुनियादी ढांचा एजेंडे के रूप में हम शहरी विकास और इसके लिए धन जुटाने पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इस योजना और उसके ब्योरे को अभी तैयार किया जाना बाकी है।
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे पर मौजूदा काम को जारी रखने, जैसे क्वालिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट (क्यूआईआई) संकेतकों के संग्रह और वैश्विक बुनियादी ढांचा केंद्र के भविष्य, पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि विकसित एवं विकासशील देशों के लिए पर्यावरण के अनुकूल शहरी बुनियादी ढांचे का मसला अहम है। विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में देखा जा रहा है कि उनके शहर जलवायु परिवर्तन से लगातार प्रभावित हो रहे हैं, जिसमें बगैर मौसम के बाढ़ आ जाने जैसे मसले शामिल हैं। साथ ही टिकाऊ तरीके से शहरी इलाकों के विस्तार की अभी भी जरूरत है, क्योंकि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर ग्रामीण इलाकों से शहरी इलाकों में विस्थापन हो रहा है। वहीं दूसरी ओर जी-20 में शामिल विकसित देशों को खराब होते बुनियादी ढांचे और पुराने होते शहरों की समस्या से जूझना पड़ रहा है और इसलिए बुनियादी ढांचे में सुधार और शहरी इलाकों के नवीकरण पर उनका ध्यान है।
हाल ही में जी-7 के देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका ने कहा था कि वे 2027 तक बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण से 600 अरब डॉलर जुटाने की कवायद करेंगे। अमेरिका ने साझेदारी के लिए अगले 5 साल में 200 अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है।
