भारत में 2021-22 के दौरान भविष्य निधि (पीएफ) पंजीकरण में तेजी आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की योजना में इस दौरान 1.38 करोड़ सदस्य शामिल हुए हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि औपचारिक नौकरियों में काम करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।
सेवा प्रदाता क्वेस कॉर्प और फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर तयैर की गई कर्नाटक जॉब्स रिपोर्ट 2022-23 से यह जानकारी मिली है। 2022-23 में भी यह धारणा जारी है, जिससे पता चलता है कि आने वाले समय में भी औपचारिक नौकरियों की संख्या बढ़ेगी।
पिछले 5 साल (2017-22) के ईपीएफओ पेरोल के ताजा आंकड़ों से संकेत मिलता है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा ने ईपीएफओ में कुल नए पंजीकरण में अहम भूमिका निभाई है और कुल पंजीकरण में इनकी हिस्सेदारी 60.54 प्रतिशत है। मार्च 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक इन 5 राज्यों की कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के नए शामिल सदस्यों में हिस्सेदारी भी सबसे ज्यादा है और औपचारिक नौकरियों में इनकी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।
जीडीपी में वृद्धि के हिसाब से महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं, ईपीएफओ के आंकड़ों में इनकी हिस्सेदारी से इसकी पुष्टि होती है।