पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने के लिए ग्राहक धड़ल्ले से 2,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऑल इंडिया पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने आज कहा कि पेट्रोल पंपों पर 90 फीसदी दैनिक बिक्री में ग्राहकों द्वारा 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग किया जा रहा है।
सरकार द्वारा इस नोट को वापस लिए जाने की घोषणा किए जाने के बाद लोग पेट्रोल पंपों पर खरीदारी में इसे खपाने लगे हैं। ऐसे में डिजिटल लेनदेन के जरिये पेट्रोल-डीजल की दैनिक बिक्री महज 10 फीसदी रह गई है जो आमतौर पर 40 फीसदी होती थी।
पेट्रोल पंप डीलरों ने कहा कि ग्राहक 100 रुपये अथवा 200 रुपये की खरीदारी पर भी 2,000 रुपये के नोट थमा देते हैं। वह इस उम्मीद में ऐसा करते हैं कि पेट्रोल पंप पर उन्हें आसानी से खुले मिल जाएंगे। पेट्रोल पंप डीलरों के संगठन ने इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से आग्रह किया है कि बैंकों को कम मूल्य के पर्याप्त नोट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए।
संगठन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा, ‘हम RBI से आग्रह करते हैं कि वे पेट्रोल पंपों को 2,000 रुपये के नोटों के बदले कम मूल्य के पर्याप्त नोट उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करें। इससे हमें अपने ग्राहकों को निर्बाध सेवा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।’
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पेट्रोल पंपों और कुछ अन्य दैनिक आवश्यक सेवाओं को नोटबंदी के समय में भी 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोट स्वीकार करने की छूट दी गई थी। हालांकि, पेट्रोल पंप जल्द ही पुराने नोटों को बदलने के आउटलेट बन गए थे जिससे सरकार ने समय से पहले उस सुविधा को वापस ले लिया था।