मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर में हाल में आई तेजी कुछ चुनिंदा जिंसों की वजह से है।
नागेश्वरन ने कहा कि टमाटर, प्याज, आलू (टॉप) और सोना, चांदी की कीमतों को गणना से निकाल दें तो समग्र खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में महज 4.2 प्रतिशत है। सीपीआई बॉस्केट में इसका अधिभार महज 3.4 प्रतिशत है, जिसकी हिस्सेदारी 6.2 प्रतिशत महंगाई दर में एक तिहाई है।
भारतीय स्टेट बैंक के सालाना बिजनेस ऐंड इकनॉमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘हमें पता है कि सीपीआई कुछ जिंसों से बहुत ज्यादा प्रभावित है। अगर आप टमाटर, प्याज, आलू, सोने और चांदी को इसमें से निकाल दें तो समग्र खुदरा महंगाई दर 4.2 प्रतिशत है। इनका कुल अधिभार 3.4 प्रतिशत है, लेकिन अक्टूबर की 6.2 प्रतिशत महंगाई दर में इनका हिस्सा एक तिहाई है।’
इस साल की आर्थिक समीक्षा में सुझाव दिया गया था कि भारत के महंगाई को लक्षित करने के ढांचे से खाद्य महंगाई को अलग किया जाना चाहिए।
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने जोर दिया कि मौद्रिक नीति एक अल्पकालिक व्यापक समग्र मांग प्रबंधन का साधन है, जो आपूर्ति संबंधी झटकों का प्रबंधन नहीं कर सकता है और खाद्य से जुड़े झटके मुख्य रूप से आपूर्ति संबंधी झटके हैं।