अर्थव्यवस्था

जनवरी में रिकॉर्ड ई-वे बिल जारी

ई-वे बिल या इलेक्ट्रॉनिक परमिट किसी राज्य में या दो राज्यों व्यापार के लिए वस्तुओं की आवाजाही के लिए होता है।

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असित रंजन मिश्र   
Last Updated- February 08, 2025 | 11:29 AM IST

जनवरी में अब तक के सर्वाधिक 11.81 करोड़ ई-वे बिल जारी किए गए। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल के मुताबिक जनवरी में ई-वे बिल में सालाना आधार पर 23.1 फीसदी की वृद्धि हुई। ई-वे बिल या इलेक्ट्रॉनिक परमिट किसी राज्य में या दो राज्यों व्यापार के लिए वस्तुओं की आवाजाही के लिए होता है।

इससे पहले बीते साल अक्टूबर में त्योहारी मौसम के कारण सर्वाधिक ई-वे बिल 11.7 करोड़ था। दिसंबर में ई-वे बिल दूसरे उच्चतम स्तर 11.2 करोड़ पर पहुंचा था। ई-वे बिल 50,000 रुपये या उससे अधिक मूल्य के सामान की आवाजाही के लिए अनिवार्य हैं। लिहाजा ये बिल अर्थव्यवस्था में मांग और आपूर्ति के शुरुआती संकेतक हैं। यह अक्सर व्यापक आर्थिक संकेतकों में थोड़े अतंराल के साथ दिखते हैं।

जनवरी के ई-वे बिल के सृजन का असर फरवरी के जीएसटी संग्रह में दिखने की उम्मीद है। जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा 1 मार्च को जारी होगा। ई-वे बिल की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि सामान की अधिक आवाजाही हुई।

ई-वे बिल का प्रदर्शन एचएसबीसी इंडिया के विनिर्माण पीएमआई से भी मेल खाता है। यह जनवरी में उछलकर 6 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया था जबकि दिसंबर में 12 महीने के निचले स्तर पर था।

First Published : February 8, 2025 | 11:29 AM IST