देश का क्विक कॉमर्स बाजार बढ़कर अगले पांच वर्ष में 10 से 15 गुना होने के आसार हैं। परामर्श कंपनी रेडसीर की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक देश में यह बाजार 5 अरब डॉलर का हो जाएगा।
क्विक कॉमर्स सेवा में एक सामान्य आपूर्ति शुल्क पर 45 मिनट के अंदर उपभोज्य वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है। डंजो, स्विगी इंस्टामार्ट आदि इस खंड की कंपनियों में शामिल हैं।
क्विक कॉमर्स बाजार में इस अपेक्षित उछाल की सबसे प्रमुख वजह उपभोक्ता के व्यवहार में आ रहा बदलाव है। उपभोक्ता अब गुणवत्ता की जगह पर सुविधा को तवज्जो दे रहे हैं। इसके कारण अब बड़ी और मासिक खरीद के स्थान पर साप्ताहिक और छोटे आकार की खरीद का चलन बढ़ रहा है। इसके अलावा उपभोक्ताओं का बिना किसी योजना के सामान का आर्डर देने का व्यवहार, ऑनलाइन लेनदेन के प्रति बढ़ता लगाव और नई पीढ़ी का अधिक मात्रा में और विलासिता के सामनों की खरीद के लिए तत्परता तथा कोविड के कारण उपभोक्ता के व्यवहार में आया बदलाव जिसके तहत वे किराने की दुकान पर जाने की बजाय ऑनलाइन खरीदारी का विकल्प अपना रहे हैं आदि कारक भी क्विक कॉमर्स के बाजार को बढ़ाने में बढ़ चढ़ कर योगदान दे रहे हैं।
क्विक कॉमर्स: ए 5 बिलियन डॉलर मार्केट बाई 2025 शीर्षक से आई रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 में क्विक कॉमर्स का बाजार करीब 0.3 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है और यह 2025 तक 5 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा।
रेडसीर में एंगेजमेंट मैनेजर मुकेश कुमार ने कहा, ‘क्विक कॉमर्स का उभार सबसे तेज बढ़ते ई-कॉमर्स मॉडलों में से एक के तौर पर हो रहा है। सहूलियत की चाहत रखने वाले ग्राहकों को इसके जरिये तेजी से आपूर्ति सेवा मुहैया कराई जा रही है। उच्च उपलब्धता दर और अनियोजित आडॅर की आपूर्ति 30 से 45 मिनट में किए जाने से महानगरों में मध्यम से उच्च आय वर्ग वाले परिवार तेजी से परंपरागत किराना दुकानों की जगह स्विगी इंस्टामार्ट और डंजो जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म को अपना रहे हैं।’
अध्ययन में पाया गया कि भारत में 2 करोड़ परिवारों तक क्विक कॉमर्स की सेवा पहुंच सकती है।
भारतीय क्विक कॉमर्स (क्यू कॉमर्स) बाजार में प्रमुख तौर पर दो तरह के सामानों की आपूर्ति की जाती है। पहला उपभोज्य (ताजा, बुनियादी भोज्य पदार्थ, पैकेटबंद खाना, पेय, घरेलू देखभाल के सामान और व्यक्तिगत देखभाल के सामान, काउंटर से मिलने वाली दवा, अल्कोहल, तंबाकू, घरेलू सामान) और दूसरा अन्य सामान जैसे कि फूल, उपहार, किताबें, छोटे इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि।
देश में उपभोज्य पदार्थों के बाजार में अगले पांच वर्ष में 6 फीसदी सालाना चक्रवृद्घि दर से टिकाऊ वृद्घि होने का अनुमान है।