भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मई 2025 में तेजी से घटकर 4 करोड़ डॉलर रह गया है, जो मई 2024 में 2.2 अरब डॉलर था। ज्यादा विनिवेश/धन निकासी और विदेश में भारतीयों के निवेश के कारण ऐसा हुआ है।
मई 2025 के लिए, धन निकासी/विनिवेश 5 अरब डॉलर रहा, जो मई 2024 के 4.1 अरब डॉलर से अधिक है। मई 2025 में विदेश में भारतीयों द्वारा निवेश 2.1 अरब डॉलर रहा, जो मई 2024 में 1.8 अरब डॉलर से अधिक है। मई 2025 में सकल एफडीआई 7.2 अरब डॉलर था, जो मई 2024 के 8.1 अरब डॉलर की तुलना में कम है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक मई 2025 में भारत में एफडीआई की आवक में सिंगापुर, मॉरिशस, यूएई और अमेरिका की कुल मिलाकर हिस्सेदारी तीन चौथाई से अधिक रही है। विनिर्माण, वित्त और कंप्यूटर सेवाओं में विदेशियों द्वारा सबसे ज्यादा निवेश किया गया है।
सकल एफडीआई उच्च स्तर पर बनी रही, जिससे संकेत मिलते हैं कि भारत अभी आकर्षक निवेश केंद्र बना हुआ है।
चालू वित्त वर्ष के पहले 2 महीने में कुल मिलाकर शुद्ध एफडीआई 3.9 अरब डॉलर रही है, जो अप्रैल मई 2025 के 4 अरब डॉलर के करीब है। अप्रैल-मई 2025 के दौरान सकल एफडीआई आवक बढ़कर 15.91 अरब डॉलर हो गई, जो अप्रैल-मई 2024 में 15.2 अरब डॉलर थी।