अर्थव्यवस्था

बाधाएं खत्म नहीं की गईं तो भारत भी जवाबी उपाय के लिए तैयार, आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौता पर बोले पीयूष गोयल

India-ASEAN trade: गोयल ने कहा, 'समीक्षा में हम जोर दे रहे हैं कि भारत में विकसित, विकासशील और मध्यम आय वाले आसियान देशों के लिए बाजार पहुंच का दायरा अलग-अलग होना चाहिए।'

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श्रेया नंदी   
असित रंजन मिश्र   
Last Updated- September 30, 2024 | 9:32 PM IST

India-ASEAN trade: दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) व्यापार के मामले में भारत पर थोपी गईं व्यापार से इतर बाधाओं को नहीं हटाता है तो भारत भी जवाबी कदम उठा सकता है। आसियान के साथ व्यापार समझौते की समीक्षा चल रही है और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस दौरान ये बाधाएं खत्म नहीं की गईं तो भारत भी जवाब दे सकता है।

गोयल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘अगर वे (आसियान देश) निष्पक्ष तरीके से समीक्षा करते हैं और अवरोध दूर करते हैं तो हमें भारीभरकम व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने ऐसा नहीं किया तो हम देखेंगे कि शुल्क के अलावा कौन-कौन सी बाधाएं हमारे ऊपर लगाई गई हैं और हमें भी जवाबी उपायों पर विचार करना होगा।’

दस सदस्यों वाले आसियान समूह के साथ भारत ने जनवरी 2010 में मुक्त व्यापार समझौता किया था। उसके बाद से 14 वर्षों में उनके साथ भारत का व्यापार घाटा पांच गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 38.5 अरब डॉलर हो गया।

भारत आधे दशक से भी अधिक समय से व्यापार समझौते की तत्काल समीक्षा किए जाने की जरूरत बता रहा है क्योंकि आसियान देशों से होने वाला आयात भारत से वहां किए जा रहे निर्यात के मुकाबले बहुत तेजी से बढ़ा है। पिछले साल अगस्त में दोनों पक्षों ने घोषणा की थी कि वस्तुओं पर अपने मौजूदा समझौते की समीक्षा 2025 तक पूरी कर लेंगे। मगर समीक्षा की सुस्त रफ्तार से भारत खुश नहीं है।

गोयल ने कहा, ‘मैं आसियान और भारत के आर्थिक मंत्रियों की बैठक में उन्हें यही बताने गया था कि यह समीक्षा तत्काल करना कितना जरूरी है। मुझे दूसरे वाणिज्य मंत्रियों से आश्वासन मिला है।’

भारतीय निर्यातकों के सामने आने वाली गैर-व्यापार बाधाओं का उदाहरण देते हुए गोयल ने कहा कि आसियान समूह के एक देश ने भारत से निर्यात होने वाले वाहनों का कोटा तय कर दिया है। मगर उन्होंने उस देश का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि भारतीय बाजार में आने वाले उनके किसी खास उत्पाद के लिए हम कोटा तय कर सकते हैं या नहीं।’

मौजूदा व्यापार समझौते के तहत भारत ने आसियान के सभी 10 सदस्य देशों को अपने बाजार में एकसमान पहुंच उपलब्ध कराई है। मगर आसियान देशों ने अपने-अपने विकास को पैमाना बनाते हुए तय किया है कि भारत को किस देश में कितनी पहुंच देनी है। भारत इसे अनुचित करार देता रहा है।

गोयल ने कहा, ‘समीक्षा में हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारत में विकसित, विकासशील और मध्यम आय वाले आसियान देशों के लिए बाजार पहुंच का दायरा अलग-अलग होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसेप) समझौते के तहत अब चीन बड़े पैमाने पर अपना माल आसियान देशों में भेज रहा है। इस तरह वह आसियान देशों के साथ भारत के व्यापार समझौते का फायदा उठा रहा है।

गोयल 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक अमेरिका की यात्रा पर गए हैं, जहां वह अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तई और उद्योग के शीर्ष प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। दोनों देश सेमीकंडक्टर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में संभावनाओं के साथ विनिर्माण, नई प्रौद्योगिकी और महत्त्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

First Published : September 30, 2024 | 9:28 PM IST