अर्थव्यवस्था

EFTA के 100 अरब डॉलर निवेश पर असर नहीं

100 अरब डॉलर के एफडीआई से 10 लाख नौकरियों की उम्मीद, स्टील आयात में उछाल की जांच शुरू

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श्रेया नंदी   
Last Updated- December 16, 2024 | 10:36 PM IST

स्विट्जरलैंड के भारत को सर्वाधिक वरीयता प्राप्त देश (एमएफएन) का दर्जा निलंबित करने से हाल ही में भारत और यूरोप मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) राष्ट्रों के तहत हस्ताक्षर किए गए दोहरे कर बचाव समझौते (डीटीएए) के तहत 100 अरब डॉ़लर की निवेश प्रतिबद्धता प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

भारत और ईएफटीए के चार देश आइसलैंड, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन ने मार्च में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के जरिये भारत को अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हो सकता है और इससे 10 लाख नौकरियों का सृजन हो सकता है। वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने सोमवार को कहा, ‘जहां तक डीटीएए का मामला है, यह वाणिज्य विभाग के डोमेन में है।

हालांकि ईएफटीए के संदर्भ में 100 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं होगा।’ स्विट्जरलैंड ने दोहरे कर बचाव समझौते (डीटीएए) के तहत भारत की इकाइयों के उनके देश में संचालन पर कर घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया था जबकि पहले यह 10 प्रतिशत था।

दिल्ली के थिंक टैंक जीटीआरआई के अनुसार स्विट्जरलैंड का निर्णय भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में व्यापाक मुद्दों पर प्रकाश डालता है। जीटीआरआई ने रिपोर्ट में कहा, ‘भारत के सर्वोच्च न्यायालय का फैसला मिसाल कायम करता है कि भारत कैसे अपने कारोबारी साझेदारों के साथ इन समझौतों के मु्द्दों को संभालता है। यदि प्रमुख वरीयता वाले देशों के व्याख्या पर विवाद जारी रहता है तो भारत के कारोबारियों को अन्य क्षेत्राधिकार में ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे निर्यात में निवेश प्रभावित हो सकता है।’

बड़थ्वाल ने बताया कि व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने स्टील के आयात में आए जबरदस्त उछाल की जांच शुरू कर दी है। महानिदेशालय कोई सिफारिश देने से पहले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों सहित आयातित स्टील का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों से भी परमर्श करेगा।

सचिव ने संवाददाताओं को बताया, ‘महानिदेशालय मामले में जांच कर रहा है। वह पूरी मूल्य श्रृंखला पर नजर डालेगा। हम केवल भारत आने वाली एचआर (हॉट रोल्ड) और सीआर (कोल्ड रोल्ड) कॉयल (स्टील उत्पाद) को ही नहीं देख रहे हैं बल्कि इसका इस्तेमाल करने वाले उद्योग पर भी नजर रख रहे हैं। इस देख रहे हैं कि इस मामले में क्या उत्पादन असंतुलन या अधिक स्टील उत्पादन करने की क्षमता को नुकसान पहुंच रहा है।’

First Published : December 16, 2024 | 10:36 PM IST