अर्थव्यवस्था

Natural gas: प्राकृतिक गैस को GST में लाने से तेजी से बढ़ेगी स्वीकार्यता

पेट्रोलियम सचिव ने कहा, प्राकृतिक गैस को जीएसटी में लाने की उम्मीद 2024-25 में

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- May 29, 2024 | 10:34 PM IST

अर्थव्यवस्था में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल बढ़ाने में प्राकृतिक गैस पर लगने वाले कर की व्यवस्था की अहम भूमिका है। पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने बुधवार को कहा कि सरकार 2024-25 में इसे वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने को लेकर आशान्वित है।

भारत के प्राकृतिक गैस और एलएनजी सेक्टरों पर इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी और पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से आयोजित ऑनलाइन सेमीनार में बोलते हुए जैन ने कहा कि प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने से प्राकृतिक गैस की ओर जाने की रफ्तार को गति मिलेगी।

जैन ने कहा, ‘गैस पर लगने वाला कर हमारे लिए बड़ी चुनौतियों में से एक है। प्राकृतिक गैस पर घरेलू कर को लेकर अभी भी काम चल रहा है। इससे प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल प्रभावित हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी के मसले के समाधान को लेकर सरकार आशान्वित है।

उन्होंने कहा, ‘हम संघीय प्रणाली वाले देश हैं। ऐसे में राज्यों के साथ बातचीत करनी होती है और उन्हें प्रेरित करके एक मंच पर लाना होता है। इस पर हम लोग काम कर रहे हैं। हम सावधानीपूर्वक आशान्वित हैं कि हम 2024-25 के दौरान ही कुछ समाधान निकाल लेंगे। अगर हम ऐसा करने में सक्षम होते हैं तो आप पाएंगे कि कम स्वच्छ ईंधन से प्राकृतिक गैस की तरफ न सिर्फ नैतिक आधार पर जाएंगे, बल्कि इसका आर्थिक मतलब भी होगा।’

कोई समय सीमा न देते हुए सचिव ने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है। जैन ने कहा कि, ‘यह ऐसा है, जिस पर हम अनुमान लगा रहे हैं। इस साल के दौरान हम संभवतः उल्लेखनीय प्रगति कर पाएंगे।’प्राकृतिक गैस इस समय जीएसटी के दायरे से बाहर है। इस पर लगने वाले करों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य वैट, केंद्रीय बिक्री कर शामिल है, जो ईंधन पर लग रहा है।

First Published : May 29, 2024 | 10:34 PM IST