अर्थव्यवस्था

डिजिटल पूंजी तैयार कर रहा नया भव्य सौदा: नंदन नीलेकणी

G-20 की अपनी अध्यक्षता के चालू साल के दौरान हर प्लेटफॉर्म पर आधार, UPI और डिजीलॉकर जैसे अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों के ओपन सोर्स आर्किटेक्चर का प्रदर्शन किया है

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सौरभ लेले   
Last Updated- August 27, 2023 | 10:38 PM IST

इन्फोसिस के सह संस्थापक और चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने रविवार को कहा कि भारत के अनोखे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने नागरिकों को अपने डेटा के साथ सशक्त बनाया है। साथ ही इससे अप्रत्याशित दर से समाज के औपचारीकरण का लक्ष्य हासिल किया है और नवोन्मेष और नियमन में संतुलन बना है।

बी-20 सम्मेलन के अंतिम दिन बोलते हुए नीलेकणी ने 2014 के बाद केंद्र सरकार की ओर से उठाई गई कई पहल का उल्लेख किया, जिसमें डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, प्रधानमंत्री जनधन योजना और यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) शामिल है, जिनसे डिजिटलीकरण और बैंक खाते खोलने में मदद मिली है।

नीलेकणी ने कहा, ‘2014-16 के बीच यह सभी महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम लागू हुए, जिनसे बड़े पैमाने पर बदलाव हुए। इससे आपको एक अंदाजा मिलेगा कि भारत ने 9 साल में वह कर दिखाया, जो पारंपरिक तरीके से काम करने में 47 साल लग जाते। प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए हम बैंकिंग क्षेत्र में सबसे कम सुविधाओं वाले देश से अब विश्व के सबसे ज्यादा वित्तीय रूप से समावेशी देश बनने में कामयाब हुए हैं।’

जी-20 की अपनी अध्यक्षता के चालू साल के दौरान हर मंच पर आधार, यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों जैसे डिजीलॉकर जैसे अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों के ओपन सोर्स आर्किटेक्चर का प्रदर्शन किया है। नीलेकणी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या को देखते हुए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के प्रसार का भारतीय मॉडल अगले कुछ वर्षों में अधिक से अधिक सर्वव्यापी होगा।

उन्होंने कहा, ‘भारत में मूल रूप से हुआ यह है कि ऑफलाइन, अनौपचारिक, कम उत्पादकता, सूक्ष्म अर्थव्यवस्था के कई सेट को एकल, ऑनलाइन, औपचारिक, व्यापक अर्थव्यवस्था की उच्च उत्पादकता की ओर बढ़े हैं। यह स्थिति अगले 20 साल तक बनी रहेगी।’ करीब 100 प्रतिशत भारतीयों ने आधार की पहचान प्रणाली में खुद को पंजीकृत कराया है। नीलेकणी ने कहा कि इस समय आधार सक्षम ऑनलाइन सत्यापन प्रणाली से हर रोज 8 करोड़ लेन-देन हो रहे हैं। करीब 70 करोड़ बैंक खाते आधार से जुड़े हैं।

नई दिल्ली में 3 दिन का बिजनेस 20 (बी-20) आधिकारिक जी-20 वार्ता मंच का वैश्विक कारोबारी समुदाय का मंच है। इस कार्यक्रम में 1,000 से ज्यादा वैश्विक बिजनेस लीडर और बड़े कॉर्पोरेशन के सीईओ मौजूद हुए।

नीलेकणी ने कहा, ‘डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग का सह उत्पाद डेटा है। ऐतिहासिक रूप से देखें तो विश्व के बाकी हिस्सों में डेटा का उपयोग कंपनियों द्वारा आपको माल बेचने, सरकार के विज्ञापन के लिए किया जाता है।

वहीं भारत में अनोखा विचार सामने आया है, कि व्यक्ति और छोटे कारोबारी अपने आंकड़े का इस्तेमाल किस तरह करें। मौलिक रूप से अब हमारे पास भारत में ऐसा आर्किटेक्चर है, जहां प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक व्यवसाय डिजिटल फुटप्रिंट का उपयोग कर सकता है और उसका अलग अलग इस्तेमाल कर सकता है।’

First Published : August 27, 2023 | 10:37 PM IST