भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत वित्त वर्ष 24 की अप्रैल-सितंबर तिमाही में एक साल पहले की तुलना में ज्यादा धन भेजा गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्राएं बढ़ने और कर के नियम में बदलाल के कारण ऐसा हुआ है।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों ने सितंबर में 3.50 अरब डॉलर विदेश भेजा है, जबकि सितंबर में 2.67 अरब डॉलर भेजा गया था। अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की इसमें हिस्सेदारी करीब 57 प्रतिशत है और यह पिछले साल के 3.89 अरब डॉलर से 34.38 प्रतिशत बढ़कर 5.22 अरब डॉलर हो गया है।
अचल संपत्ति की खरीद पर धनप्रेषण करीब 56.53 प्रतिशत बढ़कर 603.1 लाख डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 385.3 लाख डॉलर था।
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स में मुख्य अर्थशास्त्री राधिका पिपलानी ने कहा कि विदेश भेजे जाने वाले धन में वृद्धि खासकर एलआरएस कर योजना में बदलाव की वजह से हुई है, जो 1 अक्टूबर से प्रभाव में आई है।