सरकारी कोशिशों के बावजूद महंगाई नए शिखर पर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 7:04 PM IST

सरकार के लाख जतन के बाद भी महंगाई घटने का नाम नहीं ले रही है।महंगाई पिछले चालीस सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है।


लोहा, खनिज, अनाज, दाल, सब्जियों जैसी वस्तुओं के  दाम आसमान छू रहे हैं। 22 मार्च 2008 को समाप्त सप्ताह में महंगाई दर नई उंचाइयां छूते हुए 7 प्रतिशत के आंकड़े पर पहुंच गई है। पिछले सप्ताह की तुलना में इसमें 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में महंगाई दर 6.68 प्रतिशत थी। इस साल की समान अवधि में पिछले साल के 23 मार्च 2007 में महंगाई दर 6.54 प्रतिशत थी।


वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्राथमिक सामानों की महंगाई दर में 1.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका सूचकांक पिछले सप्ताह के 230.5 से बढ़कर 234.6 पर पहुंच गया है। प्राथमिक सामानों में आने वाली खाद्य वस्तुओं के समूह में 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी चना (3 प्रतिशत), मसूर (2 प्रतिशत), फल और सब्जियों, उड़द और मूंग (प्रत्येक में 1 प्रतिशत) की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


महंगाई की सबसे अधिक मार सब्जियों पर पड़ी है जिसमें 4.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं समुद्री मछलियों के दामों में 4 प्रतिशत की गिरावट, मसालों के दाम में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है। अखाद्य वस्तुओं के दामों में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रेप सीड और सरसो सीड के दामों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। खनिज समूह महंगाई के बोझ के नीचे दब ही गया। इस समूह में 38.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।


दूसरे समूह में तेल, ऊर्जा, प्रकाश और लुब्रीकेंट्स आते हैं, जिसमें 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।विनिर्मित वस्तुओं का प्रभाव महंगाई सूचकांक पर सबसे ज्यादा पड़ता है। इस समूह में 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। समूह के अंतर्गत आने वाले खाद्य उत्पादों में 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


सूरजमुखी के तेल में 9 प्रतिशत, हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेल की कीमतों में  4 प्रतिशत, मक्खन, सरसो तेल, चीनी और मूंगफली तेल के दामों में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।  समूह में टेक्सटाइल ने राहत दी है, जिसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। नान-मेटलिक मिनरल प्रोडक्ट्स समूह में 0.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।



आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक केवी कामथ ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि नीति नियामक मौद्रिक नीति और मंत्रालय के साथ मिलकर कदम उठाएंगे। ये दोनों आपूर्ति की ओर ध्यान देंगे।’ क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी का मानना हौ कि इस स्थिति में रिजर्व बैंक कैश रिजर्व रेशियो बढ़ा सकता है।


इससे अतिरिक्त तरलता दूर होगी। वित्त राज्य मंत्री पीके बंसल ने कहा, ‘ सरकार महंगाई के मामले में सचेत है और मांग के मुताबिक महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।’ जोशी ने कहा, ‘मौद्रिक नीति के लागू होने में समय लगेगा इसलिए सरकार इस मामले में वित्तीय कदम उठा सकती है जिससे महंगाई पर तत्काल असर पड़े। मूल्यों का दबाव कम समय के लिए है।’


खुदरा कीमतें बढ़ीं


दिल्ली में पिछले एक महीने में चना, चीनी, सरसो तेल, वनस्पति और प्याज की कीमतों में करीब 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। महंगाई दर 39 महीने के उच्चतम स्तर पहुंचने का असर खुदरा बाजारों पर ज्यादा ही नजर आ रहा है। चने की कीमत 2.7 प्रतिशत बढ़कर 38 रुपये प्रति किलो, चीनी की कीमत में 6 प्रतिशत बढ़कर 18 रुपये प्रति किलो, सरसो का तेल 2.6 प्रतिशत बढ़कर 77 रुपये प्रति किलो प्याज 11.11 प्रतिशत बढ़कर 10 रुपये प्रति किलो बिक रही है।


निर्यात पर छूट खत्म


महंगाई की दर 22 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने इस पर नियंत्रण के कदम के रूप में बासमती चावल के निर्यात पर दी जा रही छूट को हटा लिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कहा है कि डीईपीबी (शुल्क अहर्ता पासबुक) का लाभ अब बासमती चावल के निर्यात पर नहीं मिलेगा। सरकार ने नान बासमती चावल के निर्यात पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है और बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ा दिया है।


कैबिनेट की बैठक जल्द


वित्त सचिव डी सुब्बाराव रेड्डी ने आज कहा कि सरकार महंगाई बढ़ने के प्रति काफी संवेदनशील है। ‘हम इस स्थिति पर एक बार फिर गंभीरता से विचार करेंगे।’ अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सरकार इसे रोकने के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाने जा रही है। हालांकि सरकार महंगाई को काबू में लाने के लिए कटिबध्द है।  राव ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना बन रही है कि कीमतों पर कैबिनेट समिति की बैठक जल्द होगी।

First Published : April 4, 2008 | 11:09 PM IST