भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने आज कहा कि भारत के विकास का दायरा स्थिर रहेगा। भारत के अलावा कोई भी देश 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ रहा है। नागेश्वरन ने कहा, ‘भारत का भौगोलिक रूप से अगले 15-20 वर्ष दबदबा कायम रहना है। यह वह देश है जिसमें आप रहते हैं तो आपको पुरस्कृत किया जाता है।’
नागेश्वरन ने बताया कि भारत का पूंजी बाजार मजबूत है जबकि रुपया मद्रास्फीति के अंतर के कारण औसतन 3 प्रतिशत सालाना गिरा है। उन्होंने वेंचर ऐंड ऑल्टरनेटिव कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) कॉन्क्लेव 2025 में कहा, ‘पूंजी बाजार की मजबूती और उससे निकलने के अवसर बेहतर हैं और यह निवेशकों के लिए मायने रखता है।’ उन्होंने इंगित किया कि महंगाई और सख्त नकदी वित्तीय स्थितियों के कारण बीते दशकों की तरह वैश्विक व्यापार और पूंजी प्रवाह जारी नहीं रह सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘हमें यथार्थवादी रहना है कि हमने बीते दशकों में जितना निवेश और कारोबार का प्रवाह देखा है, वह आगे नहीं जारी रह सकता है। एक दशक पूर्व कम ब्याज दरों के कारण पूंजी आई लेकिन महंगाई ढांचागत रूप से उच्च रहने की उम्मीद है।’अभी भी भारत के वित्तीय ढांचे को आकार, मध्य आय स्थिति और वित्तीय साक्षरता स्तर के कारण ढांचागत नियामकीय की जरूरत है। भारत के गैर वित्तीय क्षेत्र में गैर विनियमन के कारण तेजी से वृद्धि हुई।