प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत अमेरिका के एथनॉल आयात पर प्रतिबंध हटाने के अनुरोध की समीक्षा कर रह है। भारत दंडात्मक शुल्कों से बचने के लिए अमेरिका से व्यापक व्यापार समझौते पर विचार कर रहा है। ब्लूमबर्ग के इस समाचार पर जारी घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने जबरदस्त ढंग से लॉबिंग भी की थी।
अभी भारत ईंधन के लिए एथनॉल के आयात की अनुमति नहीं देता है और इसके गैर ईंधन उपयोग के आयात पर भारी भरकम शुल्क लगाता है। अधिकारी ने बताया, ‘अमेरिका बीते कई सप्ताहों से एथनॉल के आयात को खोलने के लिए लॉबिंग कर रहा है। हालांकि इस अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए अन्यथा घरेलू स्तर पर एथनॉल उत्पादन में सभी निवेश सवालों के घेरे में आ जाएंगे।’
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी वार्ताकार दक्षिण एशिया के इस देश से गैसोलीन में जैवईंधन के आयात की अनुमति चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक यह अनुमति घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और गैर ईंधन के लिए विदेश से एथनॉल खरीद को बढ़ावा देने के लिए हालिया नियमों में बदलाव होगा। अमेरिका से एथनॉल आयात खोलने की लॉबिंग उस दौर में हो रही है, जब लगातार दूसरे वर्ष अनाज की तुलना में गन्ने से एथनॉल उत्पादन में गिरावट आई है। एथनॉल आपूर्ति वर्ष 24-25 (नवंबर से अक्टूबर) मार्च तक तेल विपणन कंपनियां ने 9.96 अरब लीटर एथनॉल आपूर्ति आबंटित की है।
इसमें से 66 प्रतिशत एथनॉल की आपूर्ति अनाज से होगी जबकि शेष गन्ने से होगी। कुछ महीनों पहले तक इन दोनों ही खाद्य उत्पादों से बराबर मात्रा में एथनॉल की मात्रा की आपूर्ति होती थी।