भारत में खाद्यान्न और पेट्रोल का पर्याप्त भंडार

भारत के पास खाद्यान्न, कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का पर्याप्त भंडार, तनावपूर्ण स्थिति में स्थिरता की संभावना

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संजीब मुखर्जी   
शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- May 07, 2025 | 11:25 PM IST

भारत और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव बढ़ने के दौर में देश में गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेल का पर्याप्त भंडार है। यह किसी भी आपात स्थिति में फायदेमंद रहेगा। कच्चे तेल की आवक भी मुनासिब स्तर पर कायम है। अधिकारियों ने बताया कि अभी भारत में 70-74 दिन के कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का पर्याप्त भंडार है। देश की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के पास 60-64 दिन की राष्ट्रीय खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त भंडार है।

उन्होंने बताया कि भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के पास 9.5 दिन का ईंधन रहता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया, ‘तेल विपणन कंपनियां कच्चे तेल के गिरते दामों में खरीदारी बढ़ाने लगी हैं। यह मूल्य में उतार-चढ़ाव बढ़ने के दौर में अपनाई जाने वाली मानक प्रक्रिया है। अभी उनके पास कच्चे तेल का पर्याप्त भंडार है।’ उन्होंने बताया कि स्रोत देशों के बॉस्केट के विविधीकरण के कारण कच्चे तेल का भंडार बढ़ गया है। वर्ष 2025 के आरंभ में कच्चे तेल के आयातक देशों की संख्या पूर्ववर्ती 27 से बढ़कर 40 हो गई है।

पेट्रोलियम नियोजन व विश्लेषण प्रकोष्ठ के अनुसार जनवरी में आयात में 1.48 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई थी। हालांकि कच्चे तेल का आयात फरवरी में 6.6 प्रतिशत और मार्च में 9.04 प्रतिशत बढ़ा। मंत्रालय के तेल विपणन औद्योगिक विकास बोर्ड (ओआईडीबी) के पूर्व स्वामित्व वाली आईएसपीआरएल का स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) है। यह तीन स्थानों – आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम, तमिलनाडु के मैंगलोर और पादुर (उडुप्पी) में 53.3 लाख टन कच्चे तेल का प्रबंधन करती है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय एनर्जी एजेंसी ने अपने सदस्य देशों को मानक प्रक्रिया के तहत कुल आयात का कम से कम 90 दिन का भंडार रखने की सलाह दी है।

उधर खाद्य के मामले में, खाद्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 27 अप्रैल को भारत के भंडारगृहों में करीब 661.7 लाख टन खाद्यान्न (गेहूं और चावल दोनों) हैं और यह वर्ष 2023-24 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये बेचे गए कुल खाद्यान्न 520 लाख टन से अधिक है। संक्षेप में कहा जाए तो भारत में एक साल से अधिक का गेहूं और चावल का भंडार है। चीनी का उत्पादन 1 मई, 2025 तक बीते साल की तुलना में करीब 18 प्रतिशत कम है। हालांकि ओपनिंग स्टॉक बेहतर है। लिहाजा अक्टूबर में आने वाली चीनी की फसल तक आपूर्ति पर्याप्त स्तर पर होनी चाहिए।

भारत 2025-26 (अक्टूबर से सितंबर) के नए चीनी सत्र का शुरुआत करने की तैयारी में है। अभी भारत के पास 54 लाख टन चीनी का स्टॉक है और यह भारत की दो माह की खपत से अधिक होगा। कारोबारियों ने दहलन के संदर्भ में बताया कि सरकार के पास 1 अप्रैल, 2025 तक करीब 18 लाख टन दलहन का भंडार है जबकि यह मानक रूप से 35 लाख टन का स्तर है। भारत के दलहन भंडार में अधिकतम तूर और मूंग की मात्रा है। अधिकारी ने बताया, ‘मार्केट में नए चने की फसल आ चुकी है। आने वाले महीनों में दलहन की आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद है।’

First Published : May 7, 2025 | 11:16 PM IST