अर्थव्यवस्था

वीजा प्रक्रिया में सुधार से PLI योजना को मिलेगी रफ्तार

तकनीशियनों, विशेषज्ञों के लिए वीजा से जुड़े झंझट खत्म करने पर सरकार कर रही काम

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श्रेया नंदी   
Last Updated- June 30, 2024 | 10:01 PM IST

चीन एवं अन्य देशों से विशेषज्ञों एवं तकनीशियनों को वीजा मिलने में देर के कारण उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसलिए सरकार तकनीशियनों को भारत बुलाने के लिए वीजा से जुड़े झंझट दूर करने के उपाय कर रही है। सरकार चीन ही नहीं ब​ल्कि सभी देशों से तकनीकी विशेषज्ञों को वीजा मिलने में देर की समस्या खत्म करना चाहती है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘जो कंपनियां भारत में पीएलआई योजना के तहत काम कर रही हैं अगर उन्हें अपनी मशीनें लगाने के लिए तकनीशियनों की जरूरत महसूस होती है तो हम उन्हें जल्द वीजा उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं।’

भारत में कलपुर्जे और मशीन बनाने में कई विदेशी वेंडरों की भूमिका होती है मगर वीजा मिलने में देर होने से वे समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में वीजा से जुड़े झंझट खत्म करने पर सरकार काम कर रही है। उद्योग जगत पिछले एक वर्ष से गुजारिश कर रहा है कि ऐसे लोगों को वीजा तेजी से जारी किया जाए। गोयल उसी का जिक्र कर रहे थे।

पीएलआई योजना के लिहाज से अहम उपकरण बनाने वालों को वीजा देर से मिलने के कारण कंपनियों की उत्पादन क्षमता भी कम हो रही है। ये वेंडर मशीन लगाने और उनका रखरखाव करने जैसे काम भी करते हैं।

मंत्रालय एवं सरकारी विभाग पीएलआई योजनाओं के लिए चीन के विशेषज्ञों एवं तकनीशियनों की वीजा की समस्या जल्द सुलझाने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) भी इस पर विदेश मंत्रालय के साथ काम कर रहा है।

गृह मंत्रालय भी पीएलआई योजनाओं के अंतर्गत भारतीय कारोबारों के लिए वीजा आवेदन में तेजी लाने के लिए प्रक्रिया बना रहा है। इस समय देश में 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना चलाई जा रही हैं, जिनमें मोबाइल फोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, दूरसंचार, परिधान, वाहन, दवा और कुछ अन्य क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों में विशेषज्ञों एवं तकनीशियनों की वीजा से जुड़ी समस्याओं का सोलर पीवी मॉड्यूल, स्पेशियलिटी स्टील और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र में उत्पादन क्षमता पर असर हो रहा है।

अन्य समस्याएं

केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों की कार्य योजना पर गोयल ने कहा कि वाणिज्य विभाग एवं डीपीआईआईटी इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कार्य योजना तैयार होते ही सबको पता चल जाएगा।’

मगर गोयल ने यह भी कहा कि मुक्त व्यापार समझौते किसी कार्य योजना या एजेंडा का हिस्सा नहीं है क्योंकि यह अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है। भारत इस समय ओमान, पेरू, यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन के साथ एफटीए पर बातचीत कर रहा है। गोयल ने कहा, ‘हम पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं कि एफटीए की कोई मियाद तय नहीं की गई है। इससे हम सभी मुद्दों पर तसल्ली से बात कर पाते हैं और जायजा ले पाते हैं।’

लंबे समय से विचाराधीन ई-कॉमर्स नीति पर गोयल ने कहा कि सरकार ने अभी इसपर विचार शुरू नहीं किया है।

First Published : June 30, 2024 | 10:01 PM IST