अर्थव्यवस्था

India- UK FTA पर हुए हस्ताक्षर, 2030 तक ₹10 लाख करोड़ का हो जाएगा कारोबार

अनुमान है कि द्विपक्षीय व्यापार हर साल लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ सकता है और यह वर्ष 2030 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

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निमिष कुमार   
Last Updated- July 24, 2025 | 4:12 PM IST

भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में नया अध्याय जुड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस समझौते को औपचारिक रूप दिया गया।

तीन वर्षों की लंबी बातचीत के बाद अंतिम रूप पाए इस समझौते से अनुमान है कि द्विपक्षीय व्यापार हर साल लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ सकता है और यह वर्ष 2030 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

FTA से भारत को क्या मिलेगा लाभ?

अधिकारियों के अनुसार, यह समझौता भारत के लगभग 99% निर्यात पर से शुल्क समाप्त कर देगा, जिससे भारतीय वस्तुओं को ब्रिटिश बाजार में व्यापक और सुगम पहुंच मिलेगी।

  • कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
  • टेक्सटाइल, समुद्री उत्पाद, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स, और फार्मास्युटिकल्स जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर से 8% से लेकर 20% तक के शुल्क समाप्त किए गए हैं।
  • प्रोसेस्ड फूड श्रेणी में 99.7% उत्पादों पर से 70% तक की ड्यूटी शून्य कर दी गई है।
  • भारतीय किसानों को उच्च मूल्य वाली कृषि उत्पादों जैसे बासमती चावल, आम, अंगूर, चाय, मसाले, डेयरी उत्पाद, और समुद्री खाद्य सामग्री के लिए यूके बाजार में नई संभावनाएं मिलेंगी।

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FTA से UK को क्या होगा हासिल?

  • ब्रिटेन की ओर से व्हिस्की, कारों और अन्य उच्च मूल्य उत्पादों के लिए भारत में टैरिफ कम कर दिया गया है।
  • इससे ब्रिटिश कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों पर पहुंच मिलेगी।
  • 150% टैक्स वाले अल्कोहल उत्पादों पर अब कम शुल्क लगेगा जिससे व्यापार में सुगमता आएगी।

इस FTA के साथ दोनों देशों ने एक डबल सोशल सिक्योरिटी कन्वेंशन पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारतीय कर्मचारियों को यूके में काम करते समय सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी, जिससे रोजगारदाता और कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा।

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India- UK FTA पर क्या बोला बिजनेस जगत?

वाइब्रेंट फूड्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक राहुल काले ने कहा, “यह समझौता कृषि और खाद्य उत्पादों के व्यापार को आसान बनाएगा, रोजगार पैदा करेगा और नवाचार को बढ़ावा देगा। खाद्य सुरक्षा मानकों के संरेखण से निर्यात स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता कम होगी और बॉर्डर चेक आसान होंगे।”

QDT एनालिटिक्स के निदेशक शिवालकर परमानंदम ने कहा, “150% टैक्स वाले उत्पादों पर अब कम शुल्क लगेगा। डॉक्यूमेंटेशन की जटिलता भी अब कम हो जाएगी।”

कोबरा बीयर के संस्थापक लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने इसे “ऐतिहासिक करार” बताते हुए कहा, “यह समझौता भारत-यूके व्यापार संबंधों को गति देगा और इसे 5 वर्षों में GBP 80 बिलियन से ऊपर ले जाएगा।”

इंडिया ग्लोबल फोरम के चेयरमैन मनोज लाडवा ने इसे एक “लॉन्चपैड” करार देते हुए कहा, “ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन को वैश्विक मंच पर नई दिशा देने के लिए यह समझौता अहम साबित होगा।”

6 मई को जिस FTA को सैद्धांतिक सहमति मिली थी, उसका कानूनी प्रारूप अब ब्रिटिश संसद में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद अनुबंध की पुष्टि (ratification) की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके पूरा होने के बाद समझौता लागू किया जाएगा। यह मुक्त व्यापार समझौता न केवल व्यापार को गति देगा, बल्कि भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, विशेषकर कृषि, टेक्नोलॉजी और औद्योगिक क्षेत्रों में।

प्रधानमंत्री मोदी की दो दिवसीय यूके यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने एक साझा रणनीति “UK-India Vision 2035” की भी घोषणा की, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन टेक्नोलॉजी, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और जीवन विज्ञान जैसे क्षेत्रों में सहयोग की रूपरेखा तैयार की गई है।

First Published : July 24, 2025 | 3:51 PM IST