अर्थव्यवस्था

GVA growth: दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर

अच्छे मॉनसून के चलते कृषि क्षेत्र में सुधार, शहरी मांग में सुस्ती के बीच समग्र खपत को मिल सकता है समर्थन

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- November 29, 2024 | 10:39 PM IST

वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र व उससे जुड़े क्षेत्रों की सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि 3.5 प्रतिशत रही जबकि अन्य क्षेत्रों में कम वृद्धि हुई। कृषि क्षेत्र की अच्छी जीवीए वृद्धि में अच्छे मॉनसून का योगदान रहा है। ऐसे में कृषि क्षेत्र में जीवीए वृद्धि का महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि अच्छी बारिश ने इस क्षेत्र में आने वाली तिमाहियों में बेहतर जीवीए प्रदर्शन का आधार बना दिया है।

पहली तिमाही में कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों की जीवीए वृद्धि 2.0 प्रतिशत थी। इस क्षेत्र में बीती चार तिमाहियों में 0.4 से 2.0 प्रतिशत के बीच वृद्धि दर्ज हुई जो उम्मीद से कम वृद्धि थी। वित्त वर्ष 25 में कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन और 4 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने पर ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलना चाहिए।

ग्रामीण मांग में वृद्धि वित्त वर्ष 25 में घरेलू खपत की मांग के अंतिम विश्लेषण के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण हो सकती है। ग्रामीण उपभोक्ताओं की मांग अधिक प्रासंगिक हो गई है क्योंकि शहरी उपभोक्ता मांग में सुस्ती कायम है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमारा अनुमान है कि अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में जीवीए वृद्धि और बेहतर हो सकती है। इसका कारण यह है कि इस अवधि में जबरदस्त खरीफ फसल का पूरा प्रभाव आ चुका होगा और रबी की बोआई का रुझान भी सामने आ जाएगा।’

उन्होंने कहा कि यदि अच्छे मॉनसून के बलबूते ग्रामीण क्षेत्र में वृद्धि होती है तो यह समग्र खपत में भी योगदान दे सकती है। इसका कारण यह है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की गति से शहरी क्षेत्र नहीं बढ़ पा रहा है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने भी कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बूते खपत में सुधार होने की उम्मीद है।

First Published : November 29, 2024 | 10:39 PM IST