अर्थव्यवस्था

विदेशी फंडिंग पर सरकार की पैनी नजर: NGOs की मुश्किलें बढ़ीं, जांच में तेजी

गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़ों पर गौर करने से नियामकीय दृष्टिकोण में बदलाव का पता चलता है।

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शिखा चतुर्वेदी   
Last Updated- April 06, 2025 | 10:50 PM IST

सरकार ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत विदेशी धन प्राप्त करने वाले संगठनों की जांच तेज कर दी है। इसके कारण हाल के वर्षों में बड़ी तादाद में लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इससे सिविल सोसाइटी समूहों, गैर-सरकारी संगठनों और नीतिगत संस्थानों के बीच काफी चिंता दिख रही है। उन्हें अब एफसीआरए की मंजूरी हासिल करने अथवा लाइसेंस के नवीनीकरण में तमाम नियामकीय चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है।

गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़ों पर गौर करने से नियामकीय दृष्टिकोण में बदलाव का पता चलता है। साल 2019-20 में एफसीआरए नवीनीकरण की स्वीकृति दर महज 41.2 फीसदी थी जबकि अस्वीकृति दर 53.3 फीसदी थी। मगर साल 2020-21 में यह रुझान बदल गया और स्वीकृति दर बढ़कर 76.3 फीसदी हो गई जबकि अस्वीकृति दर घटकर 22.4 फीसदी रह गई।

साल 2021-22 के आंकड़े अधूरे हैं क्योंकि अस्वीकृति के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया गया है। अगले वर्ष यानी 2022-23 में स्वीकृति दर बढ़कर 97.9 फीसदी हो गई जबकि अस्वीकृति दर महज 2.1 फीसदी रही जो अब तक का सबसे कमजोर आंकड़ा है। मगर 2023-24 में एक जबरदस्त बदलाव दिखा जहां स्वीकृति दर घटकर 75.8 फीसदी रह गई जबकि अस्वीकृति दर बढ़कर 24.2 फीसदी हो गई। इससे प्रॉसेस किए गए आवेदनों की तादाद अधिक होने के बावजूद नियामक की मजबूत पकड़ का पता चलता है।

साल 2023-24 में एफसीआरए नवीनीकरण के सबसे अधिक 8,306 आवेदनों को निपटाया गया जिसमें स्वीकृत किए गए आवेदनों की संख्या 6,293 और अस्वीकृत किए गए आवेदनों की संख्या 2,013 है। इससे नियामकीय जांच में तेजी का पता चलता है जो यह भी दर्शाता है कि सरकार ने इस दौरान बड़ी तादाद में आवेदनों का निपटान किया। गौरतलब है कि साल 2023-24 में अस्वीकृत किए गए आवेदनों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई। 

पिछले साल कई प्रमुख संस्थानों को एफसीआरए लाइसेंस खोना पड़ा। इससे नीतिगत अनुसंधान संस्थानों, मुद्दों को उठाने वाले समूहों और सिविल सोसाइटी की भागीदारी के निहितार्थ के बारे में चिंता पैदा हो गई है।

इससे प्रभावित संगठनों में कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, ऑक्सफैम इंडिया, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज शामिल हैं। ये समूह शासन के विश्लेषण, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय जैसे कार्यक्रमों में शामिल रहे हैं।

साल 2023-24 के लिए निपटाए गए एफसीआरए आवेदनों पर गौर करने से विभिन्न सेवा श्रेणियों में जांच में सख्ती का पता चलता है। नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत आवेदनों में से 6,293 आवेदनों को मंजूरी मिली जबकि 2,013 को खारिज कर दिया गया। जहां तक नए पंजीकरण के लिए प्रस्तुत आवेदनों का सवाल है तो उनमें से 1,209 आवेदनों को स्वीकृति मिली जबकि 945 खारिज हो गए।

पूर्व अनुमति वाले आवेदनों में स्वीकृति दर सबसे कम देखी गई जहां महज 39 स्वीकृतियों के मुकाबले 257 अस्वीकृतियां दिखीं। आतिथ्य सेवा से संबंधित आवेदनों में 471 अस्वीकृतियों के मुकाबले 3,912 स्वीकृतियां दिखीं।

इस बीच, समिति सदस्य के अनुरोधों में बदलाव की गहन जांच की गई और उनमें स्वीकृतियों (4,185) और अस्वीकृतियों (4,162) की संख्या लगभग बराबर दिखी। इससे संगठनात्मक प्रशासन पर अधिक ध्यान दिए जाने का संकेत मिलता है।

गृह मंत्रालय के डैशबोर्ड के अनुसार, 23 मार्च तक 16,123 एफसीआरए लाइसेंस सक्रिय हैं, जबकि 20,717 लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और 14,965 लाइसेंसों को वैधता खत्म होने की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

First Published : April 6, 2025 | 10:50 PM IST