facebookmetapixel
Luxury Cars से Luxury Homes तक, Mercedes और BMW की भारत में नई तैयारीFiscal Deficit: राजकोषीय घाटा नवंबर में बजट अनुमान का 62.3% तक पहुंचाAbakkus MF की दमदार एंट्री: पहली फ्लेक्सी कैप स्कीम के NFO से जुटाए ₹2,468 करोड़; जानें कहां लगेगा पैसाYear Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरूVodafone Idea को कैबिनेट से मिली बड़ी राहत: ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर लगी रोकYear Ender: SIP और खुदरा निवेशकों की ताकत से MF इंडस्ट्री ने 2025 में जोड़े रिकॉर्ड ₹14 लाख करोड़मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्ज

सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर घटाया विंडफॉल टैक्स

Last Updated- December 11, 2022 | 5:26 PM IST

 सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर घटाया विंडफॉल टैक्स  
 
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद ,सरकार ने पेट्रोल, डीजल, एटीएफ पर नए शुरू किए गए विंडफॉल टैक्स को घटा दिया है।
 
20 जुलाई से प्रभावी, पेट्रोल निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर कर को पूरी तरह से हटा दिया गया है।   पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स  में बुधवार को कटौती की गई है। सरकार ने ये कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में कमी आने के बाद उठाया है।
 
इस फैसले से रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी शीर्ष ईंधन निर्यातकों और  तेल और प्राकृतिक गैस निगम  (ओएनजीसी) जैसी  तेल उत्पादक कंपनियों को राहत मिलेगी।
 
केंद्र ने पेट्रोल के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर कर को पूरी तरह से हटा दिया है। वहीं  विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) पर 6 रुपये प्रति लीटर कर से से घटाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसके अलावा, डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर से कम करके 11 रुपये कर दिया है। देश में उत्पादित कच्चे तेल (क्रूड)  पर 27 प्रतिशत टैक्स कटौती के बाद इसे 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।
 
विंडफॉल टैक्स  क्या है और क्यों लगाया जाता है ?
 
 विंडफॉल टैक्स कंपनियों पर लगाया जाने वाला एकमुश्त कर है,  जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने आमतौर पर असामान्य रूप से अनुकूल बाजार कारकों  जैसे कीमतों में उछाल हो या किसी निश्चित उत्पाद की मांग में वृद्धि  के कारण अनुचित रूप से उच्च लाभ कमाया है।
 
"केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम की धारा 5ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए … केंद्र सरकार, इस बात से संतुष्ट है कि ऐसा करना जनहित के लिए आवश्यक है … और अधिसूचना में कहा गया है कि यह 20 जुलाई से लागू होगा …"
 
1 जुलाई को, केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन के निर्यात और कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इस शर्त के साथ कि निर्यातकों को पहले घरेलू बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
 
इसके बाद, भारतीय तेल कंपनियां पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर (करीब 2.2 डॉलर प्रति बैरल) का भुगतान कर रही थीं। और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (करीब 26.3 डॉलर प्रति बैरल) का भुगतान कर रही थीं।
 
मंदी की आशंका  के बीच, मध्य जून से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है।
 
बुधवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 39 सेंट से गिरकर 106.96 डॉलर प्रति बैरल हो गई। वहीँ यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड 62 सेंट से गिरकर 103.60 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
 

First Published - July 20, 2022 | 12:28 PM IST

संबंधित पोस्ट