अर्थव्यवस्था

चार क्रिप्टो एक्सचेंजों ने मांगी भारत में कारोबार करने की इजाजत

एफआईयू-इंडिया ने 34.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के बाद मार्च 2024 में कूकॉइन से प्रतिबंध हटा लिया था। मगर बाइनेंस को अभी राहत नहीं मिली है।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- June 13, 2024 | 10:38 PM IST

विदेश के चार एक्सचेंजों ने भारत में कारोबार करने के लिए संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की जांच करने वाली राष्ट्रीय एजेंसी फाइनैंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (FIU-India) से इजाजत मांगी है। कूकॉइन (KuCoin) और बाइनेंस ने भी ऐसा ही अनुरोध किया है।

मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘कूकॉइन और बाइनेंस के अलावा हमें भारत में प्रतिबंधित 9 में से 4 अन्य विदेशी एक्सचेंजों से अनुरोध मिले हैं।’ इस बारे में जानकारी पाने के लिए वित्त मंत्रालय को ईमेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

भारत ने इसी साल की शुरुआत में 9 क्रिप्टो एक्सचेंजों पर रोक लगा दी थी। ये एक्सचेंज बाइनेंस, कूकॉइन, हुओबी, क्रैकेन, गेट डॉट आईओ, बिटस्टैंप, एमईएक्ससी ग्लोबल, बिट्रेक्स और बिटफेनिक्स हैं।

एफआईयू-इंडिया ने 34.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के बाद मार्च 2024 में कूकॉइन से प्रतिबंध हटा लिया था। मगर बाइनेंस को अभी राहत नहीं मिली है। अधिकारी ने कहा, ‘बाइनेंस के लिए प्रक्रिया अभी चल रही है। हम उम्मीद करते हैं कि वह भी जल्द ही काम शुरू कर देगा।’

काले धन को सफेद बनाने से रोकने के लिए बने भारतीय कानूनों का उल्लंघन होने पर एफआईयू-इंडिया ने देश में अवैध तरीके से कारोबार कर रहे 9 विदेशी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को कारण बताओ नोटि जारी किया था। यह नोटिस 28 दिसंबर को भेजा गया और उसके बाद उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

इंडिया ब्लॉकचेन फोरम के सह-संस्थापक शरत चंद्र ने कहा, ‘भारत में आम लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं और यहां वे3 डेवलपर गतिविधि भी चल रही हैं, जिन्होंने इसे अहम बाजार बना दिया है। अधिक कर लगने और अनुपालन के नियम भी सख्त होने के बावजूद इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसीलिए विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज एक बार फिर भारतीय बाजार पर ध्यान दे रहे हैं।’

फिलहाल देश में क्रिप्टो करेंसी में कारोबार करने वाली 46 पंजीकृत संस्थाएं हैं। कूकॉइन और बाइनेंस के साथ उनकी कुल संख्या बढ़कर 48 हो जाएगी।
सितंबर 2023 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) ने देशों के लिए दिशानिर्देश एवं क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए नियमों की रूपरेखा पेश करने वाला एक सिंथेसिस पेपर प्रकाशित किया था।

पेपर में निवेशक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और धन शोधन एवं आतंकवाद को मिल रही वित्तीय सहायता रोकने के उपाय बताए गए थे। अक्टूबर 2023 में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में आईएमएफ एवं एफएसबी के पेपर में दी गई रूपरेखा स्वीकार कर ली गई। बैठक में इसे साथ मिलकर तेजी से लागू करने का आह्वान भी किया गया।

भारत की अध्यक्षता में हुई इसकी अंतिम बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में सदस्य देशों से नीतिगत व्यवस्था लागू करने का अनुरोध किया गया। उसमें जी20 से बाहर दुनिया भर में पहुंचने, वैश्विक स्तर पर तालमेल और सहयोग करने, जानकारी साझा करने और डेटा में खामियां दूर करने की वकालत की गई थी।

मगर जिस समय पूरी दुनिया क्रिप्टो परिसंपत्तियों को कानूनी दायरे में ला रही थी, उस समय भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने उन पर प्रतिबंध लगाने का केंद्रीय बैंक का पुराना रुख ही अपनाया।

First Published : June 13, 2024 | 10:38 PM IST