प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, चमड़ा और जूते, खिलौने जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की है, जहां मूल्य श्रृंखला को मजबूत किया जा सकता है और देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को और प्रोत्साहित किया जा सकता है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अंतर्गत आने वाला निवेश संवर्धन और सुविधा एजेंसी ‘इन्वेस्ट इंडिया’ मूल्य श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन क्षेत्रों में उपयुक्त कंपनियों की तलाश कर रही है और निवेश आकर्षित करने के लिए उनसे संपर्क साध रही है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘इन्वेस्ट इंडिया व्यवस्थित रूप से यह पहचानने पर काम कर रहा है कि हमें किन मूल्य श्रृंखलाओं पर काम करना चाहिए। इसके साथ ही उन मूल्य श्रृंखला के लिए कंपनियों की पहचान करना और फिर निवेश लाने के लिए उन कंपनियों से संपर्क करने पर ध्यान दे रहा है।’
उक्त अधिकारी ने कहा कि उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में सरकार ने पहले ही विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए हैं, जिससे देश में अधिक निवेश आकर्षित करने और लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद मिल रही है।
इसके अलावा आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने की स्पष्ट रुझान भी नजर आ रहा है क्योंकि यह अहसास हो गया है कि केवल एक देश पर निर्भर रहना जोखिम भरा है। अधिकारी ने कहा, ‘कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां कई बड़ी कंपनियां विविधता की तलाश कर रही हैं। कुछ कंपनियों के साथ हमारी बैठकों में उन्होंने संकेत दिया है कि वे अपनी पूरी आपूर्ति श्रृंखला नहीं बल्कि उसका एक हिस्सा स्थानांतरित करना चाहते हैं।’
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग देश में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों के साथ भी संपर्क में है ताकि उन्हें इस दिशा में सहायता दी जा सके।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कम होने के बीच यह चर्चा महत्त्वपूर्ण हो जाती है और सरकार अधिक विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाने और आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग से उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देश में कुल एफडीआई निवेश 81 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना 14 फीसदी अधिक है।
हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मई) के पहले दो महीनों में देश में 3.9 अरब डॉलर का शुद्ध एफडीआई आया जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 4 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेश निवेश आया था।