शहर में हर शख्स परेशां, गांव गुलजार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 5:03 AM IST

महंगाई और आर्थिक संकट के दौर में शहरी क्षेत्रों के नामी-गिरामी रिटेल स्टोरों को जहां नुकसान उठाना पड़ रहा है।


वहीं ग्रामीण इलाकों में मौजूद हरियाली किसान बाजार और आधार रिटेलिंग जैसे स्टोर अच्छा कारोबार कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों के रिटेल स्टोर के कारोबार में इन दिनों जोरदार इजाफा हुआ है।

दरअसल, बढ़िया उपज और गेहूं और धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी होने से किसानों की क्रय-शक्ति में इजाफा हुआ है, जिससे इन स्टोरों की चांदी हो रही है।

यही नहीं, सरकार की ओर से 65,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी योजना से भी ग्रामीण इलाकों के लोगों के पास पैसे की उपलब्धता बढ़ी है।

हरियाली किसान बाजार की होल्डिंग कंपनी डीएससीएल के प्रबंध निदेशक विक्रम एस. श्रीराम का कहना है कि ग्रामीणों की क्रय-शक्ति बढ़ने का सीधा लाभ हमें मिला है।

समर्थन मूल्य में इजाफा होने से अक्टूबर माह में कंपनी की बिक्री बढ़ी है, वहीं नवंबर में भी इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि खरीफ की फसल अच्छा होने के संकेत हैं, वहीं रबी की पैदावार भी बेहतर होने की उम्मीद है।

ऐसे में ग्रामीण इलाकों में मौजूद रिटेल स्टोरों की चांदी है। कंपनी का उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में कुल 225 रिटेल स्टोर हैं।

ग्रामीण रिटेल स्टोर ज्यादातर उन्हीं राज्यों में मौजूद हैं, जो कृषि उत्पादन में अग्रणी हैं। इसकी वजह यह है कि इन इलाकों के किसान अन्य क्षेत्रों के किसानों की तुलना में संपन्न हैं।

अच्छे मौसम और बेहतर बाजार मूल्य की वजह से इन इलाकों के किसानों ने गेहूं, धान और दालों की भारी पैमाने पर खेती की है, जिससे उनके पास पैसा भी काफी आया है।

गोदरेज एग्रोवेट और फ्यूचर ग्रुप की संयुक्त कंपनी आधार रिटेलिंग के मुख्य कार्याधिकारी अरविंद चौधरी का कहना है कि पैदावार की कीमतों में इजाफा हुआ है, लेकिन कृषि की लागत में उस अनुपात में बढ़ोतरी नहीं हुई है।

इससे किसानों को अपनी उपज की अच्छी कीमत मिल रही है। इससे किसानों की संपन्नता भी बढ़ी है। आधार रिटेलिंग के महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और पंजाब में 66 स्टोर हैं। आईटीसी और आधार जैसी कुछ रिटेल कंपनियां किसानों से सीधे उनके उत्पादों को खरीद रही हैं।

इससे किसानों को मंडी तक फसल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती है और उनका खर्च भी बचता है, साथ ही बिचौलियों के नहीं होने से उन्हें उपज की अच्छी कीमत मिल जाती है।

त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष तरुण साहनी का कहना है कि आर्थिक संकट का असर ग्रामीण और छोटे शहरों में नहीं दिख रहा है।

यही वजह है कि इन इलाकों के किसानों की आय पर भी मंदी का खास फर्क नहीं पड़ा है।

उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह में कंपनी के सभी रिटेल स्टोरों की ब्रिकी में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। कंपनी खुशहाली बाजार नाम से कुल 44 रिटेल स्टोर संचालित करती है।

रिटेल कारोबार को लगे पंख

वैश्विक मंदी का ग्रामीण इलाकों पर नहीं पड़ रहा जरा भी असर

बेहतर समर्थन मूल्य और अच्छी पैदावार से किसानों की क्रय-शक्ति बढ़ी

इसके चलते ग्रामीण इलाकों के रिटेल स्टोर काट रहे हैं इन दिनों जमकर चांदी

First Published : November 25, 2008 | 12:23 AM IST