वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जोर देकर कहा कि भारत को भारत को अपना उच्च आर्थिक विकास जारी रखना चाहिए क्योंकि इसे बाकी दुनिया के बराबर आने के लिए बहुत कुछ करना है।
उन्होंने बैंक आफ बड़ौदा के सौ साल पूरे होने के मौके पर एक पुस्तक विमोचन के मौके पर कहा कि ‘मैं विकास पर जोर डालने का कोई मौका नहीं छोड़ता। हमें विकास जरूर करना चाहिए। हमारे कृषि को जरूर विकसित होना चाहिए… हमारे उद्योग को जरूर विकसित होना चाहिए और हमारे सेवा क्षेत्र को जरूर विकसित होना चाहिए।’
चिंदबरम ने कहा, ‘हमारे बैंकिंग और बीमा क्षेत्र को जरूर विकसित होना चाहिए। जो वक्त हमने गंवाया है उसकी भरपाई करनी होगी, और भरपाई सिर्फ विकास से ही हो सकती है।’ उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने अगले पांच साल तक 8.8 फीसदी के औसत विकास का लक्ष्य तय किया है।
चिदंबरम ने कहा कि मैं 8.8 फीसदी या इससे ज्यादा (इससे कम नही) के औसत पर बैटिंग करते हुए इस पारी को खत्म करना चाहूंगा। पिछले चार सालों में बैंकिंग क्षेत्र में हुए विकास की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को स्वायत्ता दी गई है और सरकार उनके कार्यकलापों में हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने कहा कि कोई बैंकर यह नहीं कहा सकता कि पिछले चार सालों में सरकार ने उनके पेशेवर बैंकिग के फैसले में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप किया है।