बसंत ऋतु में भारी बारिश की वजह से बिजली की मांग में तेजी ठहर गई है, जो 2023 की शुरुआत के साथ 200 गीगावॉट के रिकॉर्ड पर पहुंच गई थी।
बेमौसम और असामान्य बारिश से न सिर्फ बिजली की मांग घटी है, इससे ताप बिजली इकाइयों (thermal power units ) को भी आगामी महीनों के लिए कोयला एकत्र करने के मामले में राहत दी है।
मार्च के शुरुआती 15 दिन में बिजली की मांग 205 गीगावॉट पहुंच गई थी, जो 1 अप्रैल 2023 को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में 180 गीगावॉट रह गई है। इसके साथ ही ताप बिजली इकाइयों के पास कोयले का स्टॉक भी बढ़ा है, क्योंकि इन इकाइयों ने अपनी खपत कम कर दी है।
इस सेक्टर के विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले साल मार्च में तापमान बढ़ना शुरू हो गया था, इसके विपरीत इस साल के समान महीने ने ताप बिजली इकाइयों को राहत दी है।
बिजली क्षेत्र के एक वरिष्ठ व्यक्ति ने कहा, ‘इस महीने में मांग सुस्त है और ताप बिजली इकाइयों ने गर्मी के महीनों के लिए कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करनी शुरू कर दी है और वे अपने पास कोयला जमा कर सकते हैं। कोल इंडिया ने ज्यादा उत्पादन किया है, उसके अलावा कुछ राज्यों ने आयातित कोयले के लिए बोली लगाई है। कोयले का स्टॉक बेहतर स्तर पर रहेगा।’
पिछले महीने के दौरान ताप बिजली संयंत्रों के पास 10 से 12 दिन के लिए कोयला था। मांग घटने से बिजली की औसत हाजिर कीमत भी अब पिछले 2 सप्ताह में आधी होकर 4 रुपये यूनिट रह गई है।
बहरहाल बिजली इकाइयों की राहत कम समय के लिए है। मौसम विभाग के हाल के अनुमान के मुताबिक अप्रैल-जून के दौरान देश के ज्यादातर इलाके में गर्म हवा के थपेड़े सामान्य से ऊपर रहेंगे। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने शनिवार को कहा, ‘बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में उल्लेखनीय रूप से मौसम गर्म रहेगा।’
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के दूसरे सप्ताह से बिजली की मांग 200 गीगावॉट के स्तर को एक बार फिर पार कर जाएगी और उसके बाद से तापमान में सिर्फ बढ़ोतरी होगी। इस साल की शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने कोयले की मांग और आपूर्ति के मसले के समाधान के लिए कदम उठाए हैं। बहरहाल यह अनुमान लगाया गया है कि घरेलू कोयले की आपूर्ति कम रहेगी।
इस अखबार ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से खबर दी थी कि अप्रैल जून 2023 के दौरान देश में कोयले की कुल जरूरत 22.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जिससे 229 गीगावॉट बिजली की रिकॉर्ड मांग पूरी की जा सके। घरेलू कोयले की उपलब्धता करीब 20.1 करोड़ टन रहने की उम्मीद है।
इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इस कमी से रोजाना 1 लाख से 3 लाख टन घरेलू कोयला कम पड़ेगा। ताप बिजली इकाइयों के पास इस समय रोजाना का औसत स्टॉक 3.5 करोड़ टन (घरेलू व आयातित दोनों) है।
आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु ने पहले ही कोयला आयात के लिए निविदा दाखिल कर दिया है, जिनकी कुल आयात मांग 56 लाख टन है।